West Bengal: पंचायत चुनाव से पहले हिंसा और हत्या, जानें मुर्शिदाबाद में कैसे हैं हालात
मुर्शिदाबाद में पंचायत चुनाव को लेकर सीपीएम और टीएमसी कार्यकर्ताओं के बीच जबरदस्त झड़प हो गई. पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में कांग्रेस के एक स्थानीय नेता की हत्या के बाद तनाव बढ़ गया है.
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में कांग्रेस के एक स्थानीय नेता की हत्या के बाद तनाव बढ़ गया है. मुर्शिदाबाद में पंचायत चुनाव को लेकर सीपीएम और टीएमसी कार्यकर्ताओं के बीच जबरदस्त झड़प हो गई. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा सदस्य अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया है कि शुक्रवार को खारग्राम में फुलचंद शेख (42) को नजदीक से गोली मारी गई, इससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई.
कांग्रेस कार्यकर्ता की हत्या को लेकर मुर्शिदाबाद में तनाव
उन्होंने कहा, शुक्रवार को आगामी राज्य पंचायत चुनावों के लिए नामांकन दाखिल करने का पहला दिन था, जो एक कांग्रेस कार्यकर्ता की मौत के साथ शुरू हुआ. मैं आज घटनास्थल पर जाऊंगा और पीड़ित परिवार के सदस्यों के साथ बातचीत करूंगा.
उन्होंने आरोप लगाया कि शेख अपने बेटे के साथ अपने आवास के सामने बैठे थे, जब तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेता रफीक के नेतृत्व में बदमाशों के एक समूह ने उन पर हमला किया और गोली मारकर हत्या कर दी. चौधरी ने दावा किया, उन्हें बचाने की कोशिश करने वाले तीन अन्य लोगों पर भी सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने हमला किया. हालांकि जिला तृणमूल नेतृत्व ने इस घटना में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है, लेकिन जिले में तनाव बना हुआ है.
जघन्य हत्याकांड के सिलसिले में दो लोग गिरफ्तार
राज्य निर्वाचन आयोग ने मामले में मुर्शिदाबाद जिला प्रशासन से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. जिला पुलिस ने शनिवार सुबह इस जघन्य हत्याकांड के सिलसिले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है. इनकी पहचान काजल शेख और सफीक शेख के रूप में हुई है. कांग्रेस नेतृत्व ने आरोप लगाया है कि दोनों सक्रिय रूप से राज्य की सत्ताधारी पार्टी से जुड़े हुए थे. इस बीच, राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने इस हत्या को लेकर राज्य प्रशासन पर तीखा हमला बोला है.
नामांकन का पहला दिन: - खारग्राम, मुर्शिदाबाद जिले में टीएमसी के गुंडों द्वारा चलाई गई 5 राउंड गोलियां. गोली लगने से फूलचंद शेख की मौत. पंचायत चुनाव में पहली मौत. 3 अन्य गंभीर रूप से घायल. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्य चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा के हाथों पर खून.
अधिकारी ने ट्विटर पर लिखा, यह सिर्फ शुरुआत है. पश्चिम बंगाल के लोग अपने आप को अब तक के सबसे खराब रक्तपात के लिए तैयार कर रहे हैं, क्योंकि राज्य चुनाव आयोग और पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य के लोगों के जीवन पर अपने निहित स्वार्थों को रखने के लिए सांठगांठ की है. ममता पुलिस जीत गई.
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