नई दिल्ली: Shaheed Bhagat Singh Jayanti: आज भगत सिंह की जयंती है. देश में अक्सर भगत सिंह और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकर बहस होती है. दोनों का लक्ष्य एक ही था, बस रास्ते अलग थे. लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो ये कहते नजर आते हैं हम भगत सिंह को फॉलो करते हैं, गांधी को नहीं. साथ ही ये भ्रम भी फैलाया जाता है है कि गांधी भगत सिंह को पसंद नहीं करते थे, जो पूरी तरह झूठ है. आइए, जानते हैं कि बापू के भगत सिंह के बारे में क्या विचार थे?


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महात्मा गांधी ने लिखा था लेख
भगत सिंह को फांसी होने के बाद महात्मा गांधी ने एक लेख लिखा था. किताब ‘अभ्युदय के भगत सिंह विशेषांक व अन्य अंकों पर आधारित’ में इस लेख के बारे में बताया गया है. यह किताब राष्ट्रीय अभिलेखागार की ओर से प्रकाशित की गई थी. इस लेख के दो अंश हम आपके सामने रख रहे हैं, जिससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि महात्मा गांधी भगत सिंह के बारे में क्या सोचते थे?


महात्मा गांधी ने क्या लिखा?
महात्मा गांधी ने अपने लेख में लिखा था कि उन्होंने भगत सिंह को एक विद्यार्थी के रूप में देखा था, लेकिन फिर वे उसकी शक्ल भूल गए थे. उन्होंने इसे अपना सौभाग्य बताया कि भगत सिंह की देशभक्ति, साहस और मानव समाज से जुड़ीं कहानियां सुन पाए. गांधी लिखते हैं- मैंने उसके (भगत सिंह) संबंध में जो कुछ सुना था, मैं समझता हूं उसका साहस अतुलनीय था. उनके गुणों की वजह से हम ये भूल जाते हैं कि उन्होंने अपने साहस का दुरुपयोग किया. 


गांधी ने कहा- हमें ये मौका खोना नहीं चाहिए
गांधी ने इसी लेख में लिखा कि मेरी यह राय है कि सरकार ने जो भारी गलती की है, उससे हमारी स्वतंत्रता को जीतने के लिए भगत सिंह और उसके साथी मरे हैं. आवेश में कोई काम करके हमें ये मौका खोना नहीं चाहिए.


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