Mamta Banerjee on INC: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को उन राज्यों में कांग्रेस को समर्थन देने की पेशकश की, जहां कांग्रेस मजबूत है, बशर्ते राज्य में कांग्रेस की तरह उनकी तृणमूल कांग्रेस को भी समर्थन मिले. हालांकि, राज्य कांग्रेस नेतृत्व ने अपने अंत से प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है.


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ममता के प्रस्ताव पर कांग्रेस का इंकार


राज्य की कांग्रेस पार्टी ने ममता बनर्जी के प्रस्ताव पर दो टूक बात करते हुए कहा कि सीएम ममता बनर्जी इस बात को मानना नहीं चाह रही हैं कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का राष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव हुआ है और ये साफ दर्शाता है कि उनकी वास्तविक सोच कांग्रेस को लेकर क्या है.


2024 के लिए ममता ने दिया खास प्रस्ताव


ममता ने कहा, ‘शुरुआत से मैं कह रही थी कि जो पार्टियां जिन राज्यों में मजबूत हैं उन दलों को वहां सीधे बीजेपी का मुकाबला करना चाहिए .. जैसे दिल्ली में आप, बिहार में आरजेडी-जेडीयू, उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी, तमिलनाडु में डीएमके-कांग्रेस और पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस. हमने कर्नाटक में कांग्रेस का समर्थन किया था, अब उन्हें पश्चिम बंगाल में भी हमारे साथ वैसा ही करना चाहिए. यह सही नहीं है कि कर्नाटक में वे हमारे समर्थन का आनंद लेंगे और पश्चिम बंगाल में हमारा विरोध करेंगे.’


कर्नाटक में कभी नहीं दिया टीएमसी ने समर्थन


हालांकि, राज्य कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कर्नाटक में कांग्रेस को समर्थन देने के उनके दावों को पूरी तरह से खारिज कर दिया.


चौधरी ने कहा, ‘वह कर्नाटक में भाजपा को वोट नहीं देने का नारा बुलंद करने का दावा कर रही हैं. लेकिन उन्होंने एक बार भी कर्नाटक के लोगों से कांग्रेस को वोट देने की अपील की? पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी.’


कर्नाटक की जीत के बाद ममता ने दी थी बधाई


शनिवार को कर्नाटक चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद मुख्यमंत्री ने एक ट्विटर संदेश के साथ-साथ मीडियाकर्मियों को दिए अपने बयानों के माध्यम से कर्नाटक के लोगों को परिणामों के लिए बधाई दी. हालांकि जब मीडियाकर्मियों ने उनसे इस मामले में सवाल किया तब भी वह कांग्रेस को लेकर चुप रहीं.


उन्होंने कहा, ‘मुझे जो कुछ कहना था मैंने कह दिया है.’


एकजुट विपक्ष नहीं चाहती है टीएमसी


चौधरी ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और कहा कि तृणमूल वास्तव में एकजुट विपक्षी गठबंधन के खिलाफ है.


उन्होंने कहा, ‘उनकी (ममता बनर्जी की) पार्टी के सांसदों ने उस समय मतदान नहीं किया, जब हमने उपराष्ट्रपति के चुनाव में जगदीप धनखड़ के खिलाफ एकजुट विपक्षी उम्मीदवार को मैदान में उतारा. तृणमूल भी संसद के भीतर किसी भी सदन में समन्वय के प्रति अनिच्छुक है.’


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