लखनऊ: अयोध्या में विवादित जमीन पर सर्वोच्च न्यायालय ने अपना ऐतिहासिक फैसला पिछले साल नवंबर में सुना दिया था. तथ्यों और प्रमाणों के आधार पर सर्वोच्च न्यायालय ने सर्वप्रिय और सर्वोत्तम फैसला दिया था. अदालत ने विवादित भूमि रामलला को सौंप दी थी और मुस्लिम पक्ष की भावनाओं का ख्याल करते हुए अयोध्या में ही मस्जिद निर्माण के लिए 5 एकड़ जमीन देने का निर्णय सुनाया था जो मुस्लिम पक्ष को दी जा चुकी है.


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सुप्रीम कोर्ट के इस ऐतिहासिक और महान फैसले से कुछ कट्टरपंथी और वोट बैंक की राजनीति करने वाले नेता खुश नहीं थे. अब एक ऐसा प्रमाण सामने आया है कि इससे फैसले के सभी आलोचकों के गाल पर सत्य का तमाचा पड़ा है.


रामजन्मभूमि से मिले कई ऐतिहासिक और धार्मिक प्रमाण


इस समय अयोध्या में रामजन्मभूमि स्थल को समतल करने का काम हो रहा है. इसीलिए भूमि पर खुदाई भी हो रही है, इसी दौरान कई शिवलिंग और भगवान की दिव्य मूर्तियां निकली हैं जिनसे ये स्पष्ट हो जाता है कि विवादित भूमि पर ही भगवान राम का मंदिर था और उसे तोड़कर आक्रमणकारियों ने मस्जिद में बदल दिया था.


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ट्रस्ट के महामंत्री चम्पत राय ने दी जानकारी


आपको बता दें कि जन्मभूमि परिसर के समतलीकरण का काम चल रहा है. इस दौरान कई पुरातात्विक मूर्तियां, खंभे और शिवलिंग मिलने का दावा किया गया है. श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चम्पत राय ने कहा कि मलबा हटाने के दौरान कई मूर्तियां और एक बड़ा शिवलिंग मिला है.


चंपत राय ने बताया कि समतलीकरण के दौरान काफी संख्या में पुरावशेष यथा देवी-देवताओं की खंडित मूर्तियां, पुष्प, कलश, आमलक, दोरजाम्ब आदि कलाकृतियां, मेहराब के पत्थर, 7 ब्लैक टच स्टोन के स्तम्भ, 8 रेड सैंड स्टोन के स्तंभ और 5 फिट आकार की नकाशीयुक्त शिवलिंग की आकृति मिली है.


ये सभी मूर्तियां ऐसी प्रमाण और सुबूत हैं जो विवादित स्थल पर राम मंदिर की पुष्टि करते हैं. जो भी व्यक्ति सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठा रहा था ये सभी सुबूत उसके झूठे कपाल पर सत्य का प्रहार हैं.


भव्य मंदिर निर्माण की प्रक्रिया जारी


आपको बता दें कि अयोध्या में रामजन्मभूमि पर भगवान श्रीराम के भव्य और दिव्य मन्दिर के निर्माण की प्रकिया जारी है. भगवान राम को अस्थाई मन्दिर में विराजमान किया जा चुका है. रामजन्मभूमि स्थल पर  11 मई से समतलीकरण का काम शुरू हुआ है, जो अभी भी जारी है. कोरोना महामारी के कारण सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए जेसीबी, क्रेन, ट्रैक्टर और 10 मजदूरों की टीम समतलीकरण का काम कर रही है. परिसर के समतलीकरण के बाद मंदिर निर्माण की प्रक्रिया शुरू होगी.