लखनऊ. समाजवादी पार्टी के विधायक एवं पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खां के खिलाफ अपने आधिकारिक लेटरहेड और मुहर के कथित दुरुपयोग के मामले में बुधवार को विशेष एमपी/एमएलए अदालत में आरोप तय किये गये. अदालत ने खां के खिलाफ अभियोजन पक्ष के साक्ष्य रिकॉर्ड करने के लिये चार नवम्बर की तारीख नियत की है.


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पढ़कर सुनाए आरोप
विशेष अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ए.के. श्रीवास्तव ने खां को आरोप पढ़कर सुनाये. खां ने खुद पर लगे तमाम आरोपों से इनकार करते हुए खुद को निर्दोष बताया. अदालत ने गत 29 सितंबर को खां द्वारा खुद को क्लीन चिट देने के आदेश देने के आग्रह वाली याचिका को निरस्त कर दिया था.


जानें क्या है पूरा मामला
इस मामले में एक फरवरी 2019 को लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया था. अल्लामा जमीर नकवी नामक व्यक्ति ने इस मुकदमे में आरोप लगाया था कि आजम खां ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छवि धूमिल करने के लिये अपने आधिकारिक लेटरहेड और मुहर का दुरुपयोग किया है.


'सपा सरकार के दबाव नहीं दर्ज हुआ था मुकदमा'
नकवी ने यह भी कहा था कि तत्कालीन समाजवादी पार्टी सरकार के दबाव की वजह से उस वक्त यह मुकदमा दर्ज नहीं हुआ था, जिसे बाद में एक फरवरी 2019 को पंजीकृत कराया गया.


बीमार चल रहे हैं आजम खान
आजम खान लंबे समय से बीमार चल रहे हैं. बीते महीने दिल की नस ब्लॉक होने पर दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में स्टेंट लगाया गया था. उस वक्त आजम खान का हाल-चाल लेने के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव दिल्ली पहुंचे थे. 


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