विरोध को देखते हुए सीएम नीतीश ने कहा- बिहार में नहीं लागू होगा एनआरसी
नागरिकता संशोधन कानून पर केंद्र सरकार का साथ देने के बाद पार्टी में विरोध की आवाजों को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐलान किया कि वे राज्य में एनआरसी को लागू नहीं होने देंगे.
पटना: जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुखिया नीतीश कुमार ने नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पार्टी के दो धड़ों में बंट जाने के बाद आज मीडिया से बात करते हुए दो टूक में कहा कि वे बिहार में एनआरसी को कतई मंजूरी नहीं देंगे. देशभर में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. कानून को सदन में पास कराने में जदयू की भी बड़ी भूमिका थी.
जदयू ने सदन में कैब का समर्थन किया था. और उसके पक्ष में वोट किया था. इसके बाद पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर जदयू के इस स्टैंड पर उखड़ गए थे. वहीं नहीं जदयू नेता पवन वर्मा भी इस फैसले से नाराज हो गए थे. प्रशांत किशोर ने तो कई दफा सार्वजनिक तौर पर पार्टी के इस फैसले को गलत बताया था और उसका विरोध किया था.
जदयू के स्टैंड को ले कर पीके ने की थी मुख्यमंत्री से मुलाकात
बात जब बहुत बढ़ने लगी थी तो वे जदयू मुखिया से मिलने भी पहुंचे थे. मिलने के बाद पीके ने मीडिया से कहा था कि मुख्यमंत्री से बात हुई. उन्होंने यह आश्वासन दिया है कि यह नागरिकता संशोधन कानून था, वे एनआरसी जैसे मसले पर किसी का साथ नहीं देंगे. राज्य में एनआरसी को लागू नहीं होने देंगे.
मीडिया से खुले तौर पर कहा नहीं लागू करेंगे सूबे में एनआरसी
सूबे के मुख्यमंत्री ने उस दिन के बाद से आज पहली बार मीडिया में स्पष्ट रूप से यह बयान दिया कि वे बिहार में एनआरसी को लागू नहीं करने देंगे. उन्होंने सिर्फ सीएए पर केंद्र सरकार का समर्थन किया है. यह कानून भारतीय मुस्लिमों के खिलाफ नहीं है.
एनआरसी का देश भर में हो रहा है विरोध
मालूम हो कि नागरिकता संशोधन कानून के पारित हो जाने और लागू करने की हरी झंडी के बाद से ही देश में विरोध प्रदर्शन चल रहा है. लोगों का मानना है कि इससे एनआरसी के 19 लाख लोग जिनका कोई भी रजिस्टर डाटा नहीं मिल सका, उनमें से मुस्लिमों को छांट कर देश निकाला कर दिया जाएगा. इसके बाद से ही असम और बंगाल सहित कई राज्यों में कानून के खिलाफ और एनआरसी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया गया है.