कार्तिक कुमार का किडनैपिंग से क्या है नाता? समझिए पूरा केस, जिसके चलते छोड़ना पड़ा मंत्री पद
उस किडनैपिंग केस की पूरी सच्चाई क्या है, जिसके चलते कार्तिक कुमार ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. बिहार सरकार में पहले कानून मंत्री और फिर गन्ना मंत्री बनाए जाने के बाद अब उन्हें आखिरकार कुर्सी से दूरी बनानी पड़ी. इस रिपोर्ट में पूरा माजरा समझिए..
नई दिल्ली: बिहार में किडनैपिंग के आरोपी को मंत्री बनाया गया, तो सियासी बखेड़ा शुरू हो गया. कार्तिक कुमार इन दिनों चर्चा का विषय हैं. बुधवार को कार्तिक कुमार को कानून मंत्री से हटाकर गन्ना उद्योग मंत्री बनाया गया था, लेकिन 24 घंटे के अंदर कार्तिक कुमार ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है.
नीतीश के मंत्री ने क्यों दिया इस्तीफा?
शपथ ग्रहण के 22 दिन के अंदर नीतीश सरकार में पहला इस्तीफा हो गया. कार्तिक कुमार ने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री को भेज दिया. मुख्यमंत्री ने भी बिना देरी किए इस्तीफा मंजूर कर राज्यपाल फागू चौहान को भेज दिया.
किडनैपिंग केस में करना होगा सरेंडर
कार्तिक पर पटना के बिहटा थाने में 2014 में अपहरण का केस दर्ज हुआ था. उनपर पर एक बिल्डर की हत्या के इरादे से अपहरण की साजिश का आरोप है. कोर्ट ने उनके खिलाफ वारंट जारी कर रखा है. 1 सितंबर यानि आज कार्तिक कुमार को दानापुर कोर्ट में सरेंडर करना है.
बिहटा कांड संख्या 859/2014 के मामले में दानापुर के प्रथम न्यायिक दंडाधिकारी अजय कुमार की कोर्ट में कार्तिक कुमार 1 सितंबर को सरेंडर करने वाले हैं.
'पहले ओवर में ही क्लीन बोल्ड हो गए नीतीश'
कार्तिक कुमार के इस्तीफे के बाद बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर नीतीश कुमार पर निशाना साधा. बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने कहा 'नीतीश कुमार पहले ओवर में ही क्लीन बोल्ड हो गए. अभी तो कार्तिक कुमार का पहला विकेट गिरा है. अभी और कई विकेट गिरेंगे.'
'बिहार में माफिया की, माफिया के लिए.. माफिया द्वारा सरकार'
कार्तिक कुमार के मंत्री पद से इस्तीफे पर BJP प्रवक्ता शहनवाज हुसैन ने कहा कि 'बिहार में माफिया की, माफिया के लिए.. माफिया द्वारा सरकार है, अब कोर्ट में पेशी से उनका इस्तीफा पहले लिया गया है.'
गन्ना उद्योग मंत्री कार्तिक कुमार ने 31 अगस्त 2022 को अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दिया था. मुख्यमंत्री ने इस्तीफा स्वीकार करते हुए राज्यपाल फागू चौहान को अपनी अनुशंसा भेज दी. कार्तिक कुमार अब राज्य मंत्री परिषद के सदस्य नहीं रहे. गन्ना उद्योग विभाग का अतिरिक्त प्रभार राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता को दिया गया.
RJD एमएलसी कार्तिक कुमार को जब से कानून मंत्री बनाया गया था तभी से बीजेपी नीतीश कुमार पर हमलावर थी. दागी नेता को मंत्री बनाए जाने पर बीजेपी लगातार सवाल उठा रही थी. सरेंडर करने से पहले नीतीश कुमार ने उनका विभाग बदल दिया और अब कार्तिक कुमार ने मंत्री पद से इस्तीफा देकर विवाद को ठंडा करने की कोशिश की है.
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