नई दिल्लीः Bihar News: बिहार के शिक्षा विभाग के अपर सचिव के के पाठक और पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह के बीच सरकारी विद्यालयों में छुट्टियों को लेकर छिड़ा विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो दोनों अधिकारियों के बीच लेटरबाजी का दौर अभी भी शुरू है. एक तरफ जहां केके पाठक ने राज्य में बिना शिक्षा विभाग की अनुमति के विद्यालयों में छुट्टी की घोषणा को गलत बताया है. वहीं, दूसरी ओर चंद्रशेखर सिंह ने इस फैसले को अपने अधिकार क्षेत्र का हिस्सा बताया है. 


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20 जनवरी तक किया था छुट्टी का ऐलान
दरअसल, बिहार में भीषण सर्दी को देखते हुए कई जिलों के डीएम ने 20 जनवरी तक सरकारी स्कूलों को बंद रखने का ऐलान किया था. जिलों के डीएम ने जब यह फरमान सुनाया था, तब केके पाठक छुट्टी पर थे. वे 17 जनवरी को वापस अपने काम पर लौटे हैं. केके पाठक को जब इस बात की खबर लगी, तो उन्होंने स्कूलों को बंद करने के फैसले को गलत बताया. 
 
तुरंत दिया स्कूल खोलने का आदेश 
साथ ही तुरंत एक्शन लेते हुए सभी जिलों के डीएम और कमिश्नर को फिर से स्कूल खोले जाने की चिट्ठी लिखी. इस दौरान केके पाठक ने अधिकारियों पर तंज भी कसा और कहा कि यह कैसी सर्दी है, जो सिर्फ स्कूलों में पड़ती है, बाजार में नहीं. इस दौरान केके पाठक ने हिदायत दी कि स्कूलों में छुट्टियों का ऐलान करने से पहले शिक्षा विभाग की अनुमति जरूरी है. 


शिक्षा विभाग को DM चंद्रशेखर की नसीहत 
वहीं, शिक्षा विभाग को लिखे अपने पत्र में पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह ने लिखा कि वह अपने कार्य क्षेत्र और अधिकार से पूरी तरह से वाकिफ हैं. उन्होंने बताया कि डीएम को धारा 144 लगाने का अधिकार शिक्षा विभाग के अधिकार क्षेत्र से बाहर है. इसमें शिक्षा विभाग से अनुमति लेने का प्रावधान नहीं है. शिक्षा विभाग का ताजा आदेश कानून के खिलाफ है. इस दौरान चंद्रशेखर सिंह ने शिक्षा विभाग को इस मामले में विशेषज्ञ से लीगल ओपिनियन लेने की नसीहत भी दी है. 


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