पटना: जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) से बर्खास्त किए जाने के बाद प्रशांत किशोर फिलहाल बिहार के सभी गैर एनडीए दलों को एक मंच पर लाने में लगे हुए हैं. उनकी कोशिश है कि बिहार में नीतीश कुमार और भाजपा को हराने के लिये सभी विरोधी दलों को एक करके अपने अपमान का बदला लिया जाए. इसी पर जब केंद्रीय मंत्री और लोजपा नेता रामविलास पासवान से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा 'मुझे प्रशांत किशोर के बारे में जानकारी नहीं है.'


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प्रशांत किशोर को नहीं जानते पासवान


जब रामविलास पासवान से बिहार में चुनाव के मद्देनज़र प्रशांत किशोर की ओर से चलाए जा रहे अभियान के बारे में पूछा गया, तब उन्होंने ये बात कही. पासवान ने कहा कि वो मीडिया में ही प्रशांत किशोर के बारे में सुनते और पढ़ते हैं लेकिन उनके बारे में कुछ नहीं जानते. उन्होंने ये भी कहा कि कुछ सालों पहले तक तो उन्होंने प्रशांत किशोर के बारे में सुना भी नहीं था.


'बात बिहार की' नाम का कार्यक्रम शुरू किया


प्रशांत किशोर ने मंगलवार को बिहार को बदलने की बात कहते हुए 'बात बिहार की' इस कार्यक्रम के 20 फरवरी से शुरू करने की बात कही थी जो गुरुवार को शुरू हो गया है. पहले ही दिन काफी संख्या में बिहार के विभिन्न जिलों में लोगों ने कार्यक्रम से जुड़ने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कराया. उन्होंने कहा कि ये कार्यक्रम उन लोगों के लिए है जो बिहार को देश के शीर्ष 10 राज्यों में देखना चाहते हैं.



जदयू से हो चुके हैं निष्कासित


कुछ ही दिनों पहले प्रशांत किशोर को जेडीयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी पार्टी जेडीयू से बर्खाश्त कर चुके हैं. नागरिकता कानून और एनआरसी के मुद्दे पर प्रशांत किशोर लगातार नीतीश कुमार पर बीजेपी का पिछलग्गू होने का आरोप लगाकर हमला कर रहे थे.


अब नीतीश सरकार की कर रहे आलोचना


कुछ हफ्तों पहले तक जदयू के उपाध्यक्ष रहे प्रशांत किशोर अब पार्टी से बाहर किये जा चुके हैं तो उन्हें नीतीश कुमार में कमियां भी दिखने लगीं. उन्होंने नीतीश सरकार के 15 साल के शासनकाल की कमियां बतायीं. उन्होंने कहा कि सत्ता के लिये नीतीश कुमार गोडसे के समर्थकों के साथ खड़े हैं. नीतीश को कुर्सी मुबारक हो.


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