नई दिल्लीः सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक का मंगलवार को 80 वर्ष की आयु में निधन हो गया. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ध्वाजारोहण कार्यक्रम के दौरान उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था. जहां डॉक्टरों ने कार्डियक अरेस्ट की पुष्टि की. डॉक्टरों ने उन्हें सीपीआर देकर धड़कन वापस पाने की कोशिश की लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. 


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पीएम मोदी ने जताया शोक
बिंदेश्वर पाठक की मौत पर पीएम मोदी ने दुख प्रकट किया. बिंदेश्वर पाठक ने साल 1970 में सुलभ इंटरनेशनल सर्विस ऑर्गनाइजेशन की स्थापना की थी. मैला ढोने वालों की दुर्दशा को देखते हुए उन्होंने बड़ा अभियान खड़ा किया था. देश में बड़े पैमाने पर शौचालय का निर्माण बिंदेश्वर पाठक की संस्था सुलभ इंटरनेशनल की ओर से कराया गया है.


जानिए कौन हैं बिंदेश्वर पाठक
बिहार के वैशाली जिले के रहने वाले बिंदेश्वर पाठक की उम्र 80 साल थी. बिंदेश्वर पाठक को साल 1999 में पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया. साल 2003 में विश्व के 500 उत्कृष्ट सामाजिक कार्य करने वाले व्यक्तियों की सूची में उनका नाम प्रकाशित किया गया. बिंदेश्वर पाठक को एनर्जी ग्लोब समेत कई दूसरे पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है.


बिंदेश्वर पाठक द्वारा स्थापित शौचालय संग्राहलय को टाइम पत्रिका ने दुनिया के दस सर्वाधिक अनूठे संग्राहलय में स्थान दिया था. सिर पर मैला ढोने की प्रथा की समाप्ति को लेकर इनके द्वारा किए गए कार्यों की पूरी दुनिया में प्रशंसा हुई. 


850 शौचालय देश भर में
देशभर में सुलभ इंटरनेशनल के करीब 850 शौचालय और स्नानघर हैं. शौचालय के प्रयोग के लिए 5 रुपये और नहाने के लिए दस रुपये लिए जाते हैं. कई जगहों पर इन्हें मुफ्त भी रखा गया है. उनके इस काम के लिए उनकी काफी प्रशंसा होती है. 


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