नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को कांग्रेस पर हमला बोला और उसके राष्ट्रय अध्यक्ष के कार्यालय से जुड़े एक नेता द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ की गई अभद्र टिप्पणी के लिए माफी की मांग की. कांग्रेस ने अपने इस नेता के बयान से किनारा कर लिया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अटल बिहारी वाजपेयी ने लिया था अंग्रेजों का पक्ष?
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यालय के समन्वयक और उनके लिए सोशल मीडिया का कामकाज संभालने वाले गौरव पांधी ने यह आरोप लगाते हुए एक ट्वीट किया था कि वाजपेयी ने अंग्रेजों का पक्ष लिया था. हालांकि, बाद में उन्होंने इसे हटा दिया क्योंकि भाजपा ने आरोप लगाया था कि एक तरफ राहुल गांधी वाजपेयी के स्मारक पर श्रद्धांजलि देने का 'नाटक' कर रहे हैं तो दूसरी तरफ उनकी पार्टी के नेता पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ 'अपमानजनक शब्दों' का इस्तेमाल कर रहे हैं.



बता दें कि सोमवार सुबह राहुल गांधी ने महात्मा गांधी और कई पूर्व प्रधानमंत्रियों सहित वाजपेयी को भी श्रद्धांजलि अर्पित की थी. रविवार को वाजपेयी की जयंती थी. कांग्रेस ने कहा कि पांधी ने विवादास्पद ट्वीट हटा दिया है और इस बात पर बल दिया कि पार्टी और राहुल गांधी का रुख एकसमान है.


'भारत को बदनाम करने में शामिल हैं राहुल गांधी'
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने मांग की कि कांग्रेस को पांधी की टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए, अन्यथा कोई भी यह मानने के लिए मजबूर होगा कि कांग्रेस नेता गौरव पांधी के शब्द राहुल गांधी के विचार हैं. पार्टी के एक अन्य प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि वाजपेयी ईमानदारी के प्रतीक और शांति के दूत थे, जबकि राहुल गांधी भारत को 'बदनाम' करने और 'नफरत फैलाने' में शामिल हैं.


पूनावाला ने ट्वीट कर कहा, 'गौरव पांधी ने अपना ट्वीट हटा दिया है लेकिन यह पर्याप्त नहीं है. कांग्रेस को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए और माफी मांगनी चाहिए. सीरियल अपराधी पांधी को बर्खास्त करना चाहिए. वरना हम यह मानने पर मजबूर हो जाएंगे कि शब्द पांधी के, सोच राहुल गांधी की'.


भाटिया ने ट्वीट कर कहा, 'अटल जी ईमानदारी, राष्ट्र के प्रति समर्पण और शांति के दूत हैं. 'सदैव अटल' पर राहुल गांधी का जाना, ईमानदारी के आगे घुटने टेकना है. सवाल यह है कि क्या वह उनके सिखाए रास्ते पर चले हैं. भारत को बदनाम करने से लेकर टुकड़े-टुकड़े गैंग का समर्थन करने तक राहुल गांधी केवल नफरत फैलाते हैं.' उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राहुल गांधी 'नाटक' कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'एक तरफ राहुल गांधी सदैव अटल जाकर वाजपेयी को श्रद्धांजलि देते हैं और दूसरी तरफ उनकी पार्टी के नेता अपशब्दों का इस्तेमाल करते हैं.'



कांग्रेस प्रवक्ता ने इस विवाद को बताया बेवजह
पांधी के ट्वीट के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि किसी के ट्वीट को बेवजह तूल दिया जा रहा है. उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि जब राहुल गांधी किसी चीज के लिए खड़े होते हैं तो यह पार्टी का रुख होता है.'


उन्होंने कहा, 'जहां तक मेरी जानकारी है, संबंधित व्यक्ति ने भी इसे हटा दिया है, लेकिन यह मुद्दा नहीं है.' उन्होंने कहा, 'मुद्दा यह है कि जब राहुल गांधी राजीव जी या इंदिरा जी या शास्त्री जी, नेहरू जी, महात्मा, चौधरी चरण सिंह या अटल बिहारी वाजपेयी जी की समाधि पर जाते हैं, तो वह वास्तव में इस देश का निर्माण करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को श्रद्धांजलि देते हैं.'


पीएम मोदी को कांग्रेस नेता ने दे दी ये सलाह
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि वाजपेयी ने 2002 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और आज के प्रधानमंत्री से 'राजधर्म' का पालन करने को कहा था.



उन्होंने कहा, 'यह अफसोस की बात है कि नरेन्द्र मोदी ने कभी वह सबक नहीं सीखा और उन्होंने संविधान को किनारे रखा. हम केवल आशा और प्रार्थना करते हैं कि आज अटल जी की समाधि पर राहुल जी को देखने के बाद, प्रधानमंत्री मोदी को एहसास होगा कि उनका सर्वोच्च कर्तव्य संविधान की रक्षा करना और उनके नाम पर हो रही हिंसा को रोकना है और मुझे लगता है कि राहुल गांधी यही संदेश देने की कोशिश कर रहे थे.'


श्रीनेत ने कहा कि राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो' यात्रा सभी तरह की विचारधाराओं के संगम जैसा है और जब वाजपेयी ने मोदी को 'राज धर्म' का पालन करने के लिए कहा था तो 'वह संविधान की रक्षा कर रहे थे और अटल जी की समाधि पर राहुल गांधी की उपस्थिति उसी सम्मान का प्रतीक है.'
(इनपुट: भाषा)


इसे भी पढ़ें- सावधान! चोरी हो गया 40 करोड़ Twitter यूजर्स का डाटा, हैकर ने किया खुलासा



Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.