नई दिल्ली: New Governor: देश के 4 राज्यों में राज्यपालों का कार्यकाल खत्म होने जा रहा है. जबकि तेलंगाना में नए राज्यपाल की नियुक्ति होनी है. जल्द सत्ताधारी दल नए राज्यपालों को लेकर फैसला ले सकता है. यूपी, गुजरात और राजस्थान में महामहिम का पद नए लोगों को दिया जा सकता है. जबकि केरल के राज्यपाल का कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है.


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किन-किनका कार्यकाल खत्म होगा?
आनंदीबेन पटेल- राज्यपाल,  उत्तरप्रदेश
कलराज मिश्र- राज्यपाल, राजस्थान (कार्यकाल खत्म हुआ)
आचार्य देवव्रत- राज्यपाल, गुजरात
आरिफ खान- राज्यपाल, केरल
इनके अलावा तमिलिसाई सौंदर्यराजन तेलंगाना के राज्यपाल हुआ करते थे. लेकिन उन्होंने लोकसभा का चुनाव लड़ा. जिसके बाद झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को तेलंगाना की जिम्मेदारी दे दी गई थी. लेकिन अब तेलंगाना को नया राज्यपाल मिल सकता है. जबकि केरल के राज्यपाल आरिफ खान की परफॉर्मेंस को देखते हुए केंद्र सरकार उन्हें रिपीट कर सकती है.


BJP के कौनसे नेता बन सकते हैं राज्यपाल?
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो भाजपा अपने उन नेताओं को राज्यपाल बना सकती है, जिन्हें लोकसभा चुनाव में नहीं उतारा गया. इनमें 3 नाम सबसे अधिक चर्चा में हैं.
 
अश्विनी चौबे (Ashwini Kumar Choubey): भाजपा के वरिष्ठ नेता अश्विनी चौबे केंद्र में मंत्री रह चुके हैं. 2014 से 2019 तक वे यूपी के बक्सर से सांसद रहे.  इस बार टिकट न मिलने पर उन्होंने खुलेआम नाराजगी जाहिर की. लेकिन बाद में पार्टी नेतृत्व के समझाने पर वे शांत हो गए थे.


वीके सिंह (VK Singh): पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह मोदी सरकार में राज्य मंत्री रह चुके हैं. वे यूपी के गाजियाबाद से लगातार दो बार 2014 और 2019 में सांसद बने. लेकिन इस बार पार्टी ने उनका टिकट काटकर अतुल गर्ग को प्रत्याशी बनाया. अब वीके सिंह गवर्नर बनाए जा सकते हैं.


डॉ. हर्षवर्धन (Dr. Harsh Vardhan): मोदी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे डॉ. हर्षवर्धन सिंह से लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था. उन्होंने 17वीं लोकसभा में दिल्ली के चांदनी चौक का प्रतिनिधित्व किया था. वे लंबे समय से भाजपा के साथ जुड़े हैं. अब पार्टी उनका प्रमोशन कर सकती है. 


किरोड़ीलाल मीणा के नाम पर संशय
राजस्थान सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके किरोड़ीलाल मीणा को भी गवर्नर बनाने की चर्चा हुई थी. लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो उन्होंने गवर्नर पद लेने से इनकार कर दिया था. किरोड़ीलाल मीणा प्रदेश की सियासत से दूर नहीं जाना चाहते. ऐसे में उनके नाम पर संशय बना हुआ है. किरोड़ी इससे पहले राज्यसभा के सांसद भी रह चुके हैं.


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