देववाणी संस्कृत बने राष्ट्रभाषा, लोकसभा में उठी मांग
भाजपा सांसद कुंवर पुष्पेंद्र सिंह चंदेल ने संस्कृत को राष्ट्रभाषा का दर्जा देने की मांग की. उन्होंने लोकसभा में ये मांग उठाई.
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद कुंवर पुष्पेंद्र सिंह चंदेल ने सोमवार को लोकसभा में सरकार से आग्रह किया कि संस्कृत को राजभाषा हिंदी के साथ राष्ट्रभाषा का दर्जा दिया जाए. उन्होंने सदन में नियम 377 के तहत अपनी बात रखते हुए यह मांग की.
संस्कृत को भी मिली राष्ट्रभाषा का दर्जा
चंदेल ने कहा, 'यह अमृतकाल का समय है. 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने का लक्ष्य है.' उन्होंने कहा, 'हिंदी को राजभाषा के साथ राष्ट्रभाषा घोषित किया जाए. इसे जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास किया जाए.' हिंदी के साथ उन्होंने संस्कृत को भी राष्ट्रभाषा का दर्जा दिये जाने का आग्रह किया.
नियम 377 के तहत ही कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के सर्वर पर साइबर हमले का मुद्दा उठाया और सरकार से आग्रह किया कि नागरिकों के निजी डाटा की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं.
एम्स के सर्वर पर हुआ है साइबर हमला
उन्होंने कहा, 'एम्स के सर्वर पर साइबर हमला हुआ है. इस साइबर हमले के मकसद के बारे में पता नहीं चला है. यह बहुत चिंता का विषय है. इसकी गहन जांच और व्यापक प्रतिक्रिया की जरूरत है.'
शशि थरूर ने कहा, 'मैं आग्रह करता हूं कि नागरिकों के डाटा की सुरक्षा सुनिश्चित करने और आगे ऐसे हमलों को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं.'
इसे भी पढ़ें- वित्त मंत्री ने अर्थव्यवस्था पर कहा, 'जलो मत गर्व करो'
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.