बेंगलुरूः म्यूकरमाइकोसिस यानी की ब्लैक फंगस अब तक केवल वयस्कों को प्रभावित कर रहा था लेकिन यह बच्चों में भी पाया जा रहा है और ग्रामीण कर्नाटक में इसके दो मामले सामने आए हैं. बेल्लारी जिले की 11 वर्षीय एक लड़की और चित्रदुर्ग जिले के 14 वर्षीय एक लड़के को ब्लैक फंगस रोग हो गया है. दोनों का यहां के सरकारी अस्पतालों में इलाज चल रहा है और उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है.


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कोविड के बाद हुआ ब्लैक फंगस
एक स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि उन्हें कोविड​​​​-19 हो गया लेकिन उन्हें इसके बारे में पता नहीं चला. दिक्कत होने के बाद उन्हें अस्पतालों में भर्ती कराया गया.एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि दो बच्चों का सरकारी बॉरिंग और लेडी कर्जन अस्पतालों में ब्लैक फंगस संक्रमण का इलाज चल रहा है. वे एक्यूट जुवेनाइल डायबिटीज (एजेडी) से पीड़ित हैं.


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हालत नाजुक है


उन्होंने कहा कि उनकी हालत नाजुक है. राज्य के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, राज्य में अब तक ब्लैक फंगस के 1250 मामले सामने आ चुके हैं. वर्तमान में 1,193 का इलाज चल रहा है और 18 ठीक हो गए हैं जबकि 39 अपनी जान गंवा चुके हैं.इस बीच, कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर ने यहां संवाददाताओं से कहा कि राज्य को अब तक केंद्र से ब्लैक फंगस संक्रमण के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एम्फोटेरिसिन-बी दवा की लगभग 10,000 शीशियां मिली हैं.उन्होंने कहा, ‘‘सरकारी अस्पतालों में हम इलाज और दवा मुफ्त मुहैया करा रहे हैं.


कोरोना भी बड़ी मुसीबत
कर्नाटक में बीते 24 घंटे में कोरोना के 20,378 नए मामले सामने आए और 382 लोगों की मौत हो गई है. इस दौरान 28,053 लोग स्वस्थ भी हो गए. लेकिन राज्य में कोरोना के मामले थोड़ा सुधरते भले दिख रहे हों लेकिन अभी भी बाकी कई राज्यों की तुलना में कर्नाटक की हालत खराब है.


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