महाराष्ट्र में इमारत ढहने से सात की मौत, कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका
ठाणे नगर निगम के क्षेत्रीय आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के प्रमुख संतोष कदम ने बताया मारे गए लोग दो परिवार से थे. यह इमारत 26 वर्ष पुरानी है और इसमें 29 फ्लैट हैं.
ठाणे: महाराष्ट्र के ठाणे जिले के उल्हासनगर कस्बे में इमारत का एक हिस्सा ढहने से सात लोगों की मौत हो गई. एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी.
हादसे में सात लोगों की मौत
ठाणे जिले के संरक्षक मंत्री मंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि राज्य सरकार मारे गए लोगों के परिवार के सदस्यों को पांच लाख रुपए की अनुग्रह राशि देगी. मरने वालों में एक किशोर और तीन महिलाएं शामिल हैं.
नेहरू चौक में स्थित पांच मंजिला इमारत 'साई शक्ति' का एक हिस्सा शुक्रवार देर रात ढह गया.
देर रात अधिकारियों ने जानकारी दी कि घटना में छह लोगों की मौत हो गई है और चार या पांच लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है.
ठाणे नगर निगम के क्षेत्रीय आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के प्रमुख संतोष कदम ने बताया, 'मलबे से एक और शव बरामद होने से घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर सात हो गई है. इस दुर्घटना में तीन महिलाएं, तीन पुरुष और एक किशोर की मौत हो गई.'
यह भी पढ़िए: बढ़ते कोरोना और ब्लैक फंगस के बीच महाराष्ट्र में 14 दिन के लिए बढ़ाया गया लॉकडाउन
मृतकों को पांच लाख रुपये मुआवजे का ऐलान
ठाणे नगर निगम के क्षेत्रीय आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के प्रमुख संतोष कदम ने बताया मारे गए लोग दो परिवार से थे. यह इमारत 26 वर्ष पुरानी है और इसमें 29 फ्लैट हैं.
कदम ने बताया, 'रात नौ बजे पांच फ्लैटों के लिविंग रूम वाला हिस्सा भरभरा कर गिर गया. सूचना मिलने पर क्षेत्रीय आपदा मोचन बल और ठाणे आपदा मोचल बल के कर्मी घटनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने तलाश एवं बचाव अभियान शुरू किया.'
अधिकारी ने बताया कि सातवां शव बरामद होने के बाद शुक्रवार रात 12.46 बजे तलाश अभियान बंद कर दिया गया.
मृतकों की शिनाख्त पुनीत बाजोमल पंजवानी (17), दिनेश बाजोमल पंजवानी (40), दीपक बाजोमल पंजवानी (42), मोहिनी बाजोमल पंजवानी (65), कृष्ण इंदुचंद बजाज (24),अमृता इंदुचंद बजाज (54) और लवली बजाज (20) के तौर पर हुई है.
शिंदे स्थिति का जायजा लेने के लिए घटनास्थल पर पहुंचे.
उन्होंने कहा, 'राज्य सरकारे मारे गए लोगों के परिजनों को पांच लाख रुपए अनुग्रह राशि के तौर पर देगी.'
उन्होंने कहा कि हाल के दिनों ने इस क्षेत्र में यह दूसरी ऐसी घटना है. मंत्री ने कहा, '1994-95 में स्थानीय निकाय ने कुछ अनधिकृत इमारतों के हिस्से, पिलर और रॉड गिरा कर इमारतों को गिरा दिया था.
लेकिन ऐसा पाया गया है कि कुछ निर्माणकर्ताओं ने लोहे की छड़ों को ठीक करके और कुछ मरम्मत कार्य करके इमारत को नया रंग रूप दे दिया था और वे इमारते अब गिर रही हैं और मासूम लोगों की जान ले रही हैं.'
उन्होंने उल्हासनगर नगर निगम के आयुक्त राजा दयानिधि को ऐसी इमारतों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और बिल्डरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए.
यह भी पढ़िए: क्या 50 साल की उम्र में सठिया गए हैं राहुल गांधी? कोरोना पर दे रहे हैं अनर्गल बयान
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.