कोलकाता. संदेशखाली मामले को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को सख्त रुख अख्तियार किया है. कोर्ट ने साफ कर दिया कि कोई भी जांच एजेंसी, चाहे वह राज्य या केंद्र सरकार के अधीन हो, फरार तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां को गिरफ्तार करने का अधिकार रखती है. बता दें कि शेख शाहजहां 5 जनवरी को पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में ईडी और सीएपीएफ अधिकारियों पर हुए हमले का आरोपी मास्टरमाइंड है.


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कलकत्ता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस टी.एस. शिवगणनम और जस्टिस हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने सत्तारूढ़ दल के नेता की गिरफ्तारी से संबंधित मामले पर सुनवाई के दौरान यह बात कही. कोर्ट ने साफ किया कि हालांकि ईडी और सीएपीएफ अधिकारियों पर हमले की जांच के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस और सीबीआई की संयुक्त जांच टीम के गठन पर रोक है, लेकिन शाहजहां की गिरफ्तारी पर कोई प्रतिबंध नहीं है.


'बिना नाम लिए टीएमसी नेताओं का जिक्र'
चीफ जस्टिस ने बिना नाम लिए तृणमूल कांग्रेस के प्रतिनिधियों-मंत्रियों के एक वर्ग द्वारा हाल ही में की गई सार्वजनिक टिप्पणी का भी उल्लेख किया कि कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा रोक के कारण राज्य पुलिस शाहजहां को गिरफ्तार करने में असमर्थ है. कोर्ट ने कहा-कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि अदालत आरोपियों को बचा रही है. राज्य पुलिस जिम्मेदारी से बच नहीं सकती, क्योंकि पिछले कुछ वर्षों में उसके खिलाफ इतनी सारी FIR दर्ज होने के बाद भी गिरफ्तारी नहीं की जा सकी है.


संदेशखाली जाने की इजाजत
इस बीच हाईकोर्ट ने बुधवार को केंद्रीय फैक्ट फाइंडिंग टीम और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी को संदेशखाली जाने की अनुमति दे दी है. हालांकि कोर्ट ने कुछ शर्तें भी लगाई हैं. जस्टिस कौशिक चंदा ने केंद्रीय फैक्ट फाइंडिंग टीम को तनावग्रस्त क्षेत्र का दौरा करने की अनुमति देते हुए संदेशखाली में केवल उन स्थानों तक आवाजाही सीमित कर दी, जहां धारा 144 लागू नहीं थी.


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