नई दिल्लीः Bipin Rawat Video: तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार को हुए हेलीकॉप्टर हादसे में देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की मौत हो गई. सीडीएस रावत की मौत से पूरा देश सदमे में है. हर कोई उन्हें याद कर रहा है और अपने-अपने तरीके से श्रद्धांजलि दे रहा है. सोशल मीडिया पर लोग बिपिन रावत के काफी फोटो, वीडियो साझा कर रहे हैं. 


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इन्हीं में से एक वायरल वीडियो में सीडीएस रावत कहते हुए दिख रहे हैं, 'अक्सर मेरे पास कई नौजवान आते हैं कि साहब मुझे भारतीय सेना में नौकरी चाहिए. मैं उन्हें यही बोलता हूं कि भारतीय सेना नौकरी का साधन नहीं है. नौकरी लेनी है तो रेलवे में जाइये. और बहुत से जरिए हैं, अपना बिजनेस खोलिए. भारतीय सेना में आना है तो कठिनाइयों का सामना करने के लिए आपको काबिल होना पड़ेगा. आपको मानसिक और शारीरिक रूप से काबिल होना पड़ेगा.'



1978 से भारतीय सेना में थे
बिपिन रावत के बारे में बता दें कि उनका जन्म उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में हुआ था. उन्होंने साल 1978 से भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दीं. जरनल बिपिन रावत, सेंट एडवर्ड स्कूल, शिमला, और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकसला के पूर्व छात्र थे. उन्हें दिसंबर 1978 में भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून से 11 गोरखा राइफल्स की पांचवीं बटालियन में नियुक्त किया गया था, जहां उन्हें 'स्वॉर्ड ऑफ ऑनर 'से सम्मानित किया गया था. उनके पास आतंकवाद रोधी अभियानों में काम करने का 10 वर्षों का अनुभव था.


कई पदकों से सम्मानित थे रावत
उन्होंने पूर्वी क्षेत्र में एक इन्फैंट्री बटालियन की कमान संभाली थी. एक राष्ट्रीय राइफल्स सेक्टर और कश्मीर घाटी में एक इन्फैंट्री डिवीजन की भी कमान संभाली. उन्हें वीरता और विशिष्ट सेवाओं के लिए यूआईएसएम, एवीएसएम, वाईएसएम, एसएम के साथ सम्मानित किया गया था. 


रावत के पिता भी सेना में थे
रावत ने जनरल दलबीर सिंह के रिटायर होने के बाद भारतीय सेना की कमान 31 दिसंबर 2016 को संभाली थी. 2020 में उन्हें सीडीएस बनाया गया था. रावत का परिवार कई पीढ़ियों से भारतीय सेना में सेवाएं दे रहा है. उनके पिता लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत थे. जो कई सालों तक भारतीय सेना का हिस्सा रहे. जनरल बिपिन रावत इंडियन मिलिट्री एकेडमी और डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में पढ़ चुके हैं. इन्होंने मद्रास यूनिवर्सिटी से डिफेंस सर्विसेज में एमफिल की है.


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