MI17 ही नहीं, दो हेलीकॉप्टर चेतक और चीता भी उड़ता ताबूत, जानें अब तक कितने हादसे

देश के करोड़ों लोग अपने जवान और सैन्य अधिकारियों के जीवन को लेकर चिंतित हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 9, 2021, 10:59 AM IST
  • भारतीय सेना के हेलीकॉप्टर का इतिहास बेहद पुराना है
  • चीता, चेतक की सेवानिवृत्त की मांग कई बार उठी है
MI17 ही नहीं, दो हेलीकॉप्टर चेतक और चीता भी उड़ता ताबूत, जानें अब तक कितने हादसे

नई दिल्ली: हेलीकॉप्टर क्रैश में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका और 11 अन्य सशस्त्र कर्मियों की जान जाने के बाद हर ओर M17 हेलीकॉप्टर और हादसों का शिकार होने वाले विमान-हेलीकॉप्टर की चर्चा हो रही है. 

लोग अपने जवान और सैन्य अधिकारियों के जीवन को लेकर चिंतित हैं. पर क्या आपको मालूम है कि भारतीय सेना के हेलीकॉप्टर का इतिहास बेहद पुराना है. लगातार दुर्घटनाओं के बाद चीता, चेतक हेलीकॉप्टर सेवानिवृत्त की मांग कई बार उठी है.

चीता और चेतक हेलीकॉप्टर के डिजाइन कई दशक पुराने थे जिससे ये बार-बार हादसे के शिकार हो रहे थे. इस सीरीज के हेलीकॉप्टर 40 से 50 बार क्रैश हो चुके हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 22 नवंबर 1963 में पहली बार चेतक बड़े हादसे का शिकार हुआ था, जब 4 जनरल समेत 6 लोगों की मौत हो गई. इसके बाद 1 जून 1964, 5 और 11 दिसंबर 1971, 6 नवंबर 1972 समेत 70 के दशक में 8 हेलीकॉप्टर क्रैश हुए.

फिर 80 के दशक में 11 और 90 के दशक में 5 बार चेतक क्रैश हुआ. 2001 से 2019 के बीच ये 18 बार क्रैश हुए. वहीं चौदह वर्षों में कुल 47 दुर्घटनाएँ हुईं, जिनमें से 21 घातक थीं. वहीं पिछले 5 साल में नौ बार ये क्रैश हुए हैं. 

चीता 1970 के दशक का हेलीकाप्टर
एचएएल ने 1970 में मैसर्स एसएनआईएएस के साथ चीता के लिए लाइसेंस समझौते पर हस्ताक्षर किए. कच्चे माल से निर्मित पहला चीता 1976-77 में वितरित किया गया था. चीता हेलीकॉप्टर (यूरोकॉप्टर, फ्रांस के LAMA SA 315B हेलीकॉप्टर के समान) एक उच्च प्रदर्शन वाला हेलीकॉप्टर है जिसे वजन की एक विस्तृत श्रृंखला, गुरुत्वाकर्षण के केंद्र और ऊंचाई की स्थिति में संचालन के लिए डिज़ाइन किया गया है.

पांच सीटों वाला चीता हेलीकॉप्टर बहुमुखी, बहु भूमिका, बहुउद्देश्यीय है. यह हेलीकॉप्टरों की सभी श्रेणियों के बीच उच्च ऊंचाई पर उड़ान भरने में विश्व रिकॉर्ड रखता है. हेलीकॉप्टर Artouste - III B टर्बो शाफ्ट इंजन द्वारा संचालित है.

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विशेषज्ञों के मुताबिक चीता हेलिकॉप्टर अपनी तयशुदा उम्र से ज्यादा सेवा दे रहे हैं. इनका प्रोडक्शन 1990 में ही रोक दिया गया था. इन्हें अपग्रेड करने से कुछ खास फायदा नहीं होने वाला, क्योंकि टेक्निकल लाइफ खत्म हो गई है. एयरफोर्स की तरफ से कहा गया है कि इन हेलीकॉप्टर्स में से ज़्यादातर की लाइफ 2023 से खत्म होनी शुरू हो जाएगी.

सुरक्षाबलों की ओर से 15 सालों से लाइट यूनिटिलिटी हेलीकॉप्टर्स को लेकर चिंताएं जताई गई हैं और लग़ातार इनकी मांग की जा रही है. फिलहाल तीनों सेनाओं के पास 187 चेतक हेलीकॉप्टर्स और 205 चीता हेलीकॉप्टर मौजूद हैं. वहीं सेनाओं को क़रीब 483 हल्के हेलीकॉप्टर्स और चाहिए. 

चेतक का 1962 में शुरु हुआ निर्माण
एचएएल, हेलीकॉप्टर डिवीजन ने III हेलीकॉप्टर चेतक के उत्पादन के लिए मैसर्स एसयूडी-एविएशन वर्तमान में (मेसर्स एयरबस (पूर्व यूरोकॉप्टर), फ्रांस) के साथ एक समझौता करके 1962 में हेलीकॉप्टरों का निर्माण शुरू किया. पहला चेतक 'फ्लाई अवे' स्थिति में 1965 में आया. चेतक हेलीकॉप्टर दो टन वर्ग का हेलीकॉप्टर है. यह हेलीकॉप्टर Artouste - III B टर्बो शाफ्ट इंजन द्वारा संचालित है. 

7 बार क्रैश हो चुके हैं एमआई हेलीकॉप्टर
एमआई हेलीकाप्टरों की बात करें तो अब तक 7 बार भारत में इस सीरीज के हेलीकॉप्टर क्रैश हो चुके हैं. एमआई का पहला हादसा 19 नवंबर 2010 को हुआ था जब यह अरुणाचल प्रदेश में क्रैश हुआ था जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई थी. फिर 30 अगस्त 2012, 25 जून 2013, 6 अक्टूबर 2017, 3 अप्रैल 2018 और फिर 27 फरवरी 2019 को ये हेलीकाप्टर क्रैश हुए. इसमें कुल 19 लोगों की मौत हो चुकी है. 

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