नई दिल्ली. आज अपने एक विशेष इंटरव्यू के माध्यम से केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने NPR को लेकर फैलाई गई भ्रांतियों को स्पष्ट करने का प्रयास किया है. अमित शाह ने साफ़ कर दिया है कि यदि आपका नाम एनपीआर के नामों की सूची में दिखाई न दे तो भी घबराएं नहीं, आपकी नागरिकता पर कोई संकट नहीं आएगा. 


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एनपीआर और एनआरसी हैं अलग-अलग


देश के लोगों के बीच पैदा की गई भ्रांतियों को विराम देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कही महत्वपूर्ण बातें स्पष्ट की. उन्होंने कहा कि एनपीआर और एनआरसी में कोई आपसी संबंध नहीं है. एनपीआर राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर है जबकि एनआरसी राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर है. 


सुनियोजित ढंग से प्रचारित भ्रम है ये 


केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि विपक्ष द्वारा सुनियोजित तरीके से यह भ्रम फैलाया जा रहा है और यह अल्पसंख्यकों को डराने के उद्देश्य से किया जा रहा है. अमित शाह ने कहा कि यदि किसी व्यक्ति का नाम एनपीआर में न भी नज़र आये तो भी उसे चिंतित होने का कोई कारण नहीं है क्योंकि उसकी नागरिकता पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. 



''मिल गई है अपडेट करने की स्वीकृति'' 


गृहमंत्री ने बताया कि मोदी मंत्रिमंडल ने भारत की जनगणना 2021 की प्रक्रिया को प्रारम्भ करने तथा राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को अपडेट करने की स्वीकृति प्रदान कर दी है.


''एनआरसी पर बहस की ज़रूरत नहीं है''


गृहमंत्री ने कहा चूंकि एनआरसी पर अभी कोई चर्चा नहीं हुई है इसलिए देश भर में इस विषय पर बहस कराने की ज़रूरत नज़र नहीं आती जैसा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भी स्पष्ट किया है कि अभी तक संसद में या मंत्रिमंडल में इसे लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है. 


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