CAA के तहत केंद्र ने की पश्चिम बंगाल में नागरिकता देने की शुरुआत, ममता करती रही हैं विरोध
केंद्र सरकार ने सीएए को लेकर बीते 11 मार्च को अधिसूचना जारी की थी. नियमों के आधार पर नागरिकता के लिए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों ने आवेदन किया था.
कोलकाता. नागरिकता संशोधन कानून यानी CAA के तहत देश में नागरिकता देने की शुरुआत की जा चुकी है. इसी क्रम में अब गृह मंत्रालय ने बताया है कि पश्चिम बंगाल में भी नागरिकता देने की शुरुआत की जा चुकी है. पश्चिम बंगाल में आवेदनों की पहली सूची को आज एंपावरिंग कमेटी द्वारा नागरिकता प्रदान कर दी गई है.
ममता लगातार करती रही हैं विरोध
बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस कानून को लेकर शुरुआत से बेहद मुखर रही हैं. वह लगातार सीएए का विरोध करती रही हैं. माना जा रहा है कि सीएए के तहत पश्चिम बंगाल में नागरिकता देने की शुरुआत का भी ममता विरोध कर सकती हैं. ममता के विरोध के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कहते रहे हैं कि सीएए देश का कानून है और 'पत्थर पर लकीर'है.
केंद्र सरकार ने सीएए को लेकर बीते 11 मार्च को अधिसूचना जारी की थी. नियमों के आधार पर नागरिकता के लिए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों ने आवेदन किया था.
हरियाणा और उत्तराखंड में भी दी गई नागरिकता
बता दें कि पश्चिम बंगाल के अलावा हरियाणा और उत्तराखंड में भी एंपावरिंग कमेटी ने आवेदन करने वालों की पहली सूची को नागरिकता प्रदान करने का फैसला किया है. इससे पहले 15 मई को दिल्ली में पहली बार इस कानून के तहत नागरिकता प्रदान की गई थी.
केंद्र सरकार ने सीएए को लेकर बीते 11 मार्च को अधिसूचना जारी की थी. नियमों के आधार पर नागरिकता के लिए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों ने आवेदन किया था. आवेदन करने वालों में पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से आए हुए हैं शरणार्थी हैं.
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