नई दिल्ली: चीन ने अपने सबसे बेहतरीन ड्रोन भारत की सीमा यानी लाइन ऑफ कंट्रोल के पास तैनात कर दिए हैं. सेटेलाइट तस्वीरें बताती हैं कि ज़िनज़ियांग प्रांत के मलान एयरबेस पर खड़ा एक ड्रोन चीन का सुपरसोनिक ड्रोन हो सकता है. वहीं भारत ने भी ड्रैगन की नींद उड़ाने के लिए प्लान तैयार कर लिया है, LAC पर चिनूक की दहाड़ सुनी जाएगी.


चिनूक से अग्रिम चौकियों की निगरानी


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चीन सीमा पर अग्रिम चौकियों की निगरानी के लिए चिनूक तैनात हुआ है. पहली बार चिन्याली सौड़ हवाई पट्टी पर लड़ाड़ू हेलीकॉप्टर उतरा. उत्तरकाशी जनपद से लगती भारत चीन सीमा पर चिनूक हेलिकॉप्टर ने निगरानी के लिए गुरुवार को उड़ान भरी.


वायुसेना लगातार सीमा पर अभ्यास कर रही है.गुरुवार को चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर चिनूक हेलीकॉप्टर ने अभ्यास किया. चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी से चीन सीमा की हवाई दूरी 130 किमी है. इस हेलीकॉप्टर की मदद से भारतीय वायुसेना ऊंचे और दुर्गम इलाकों में भारी भरकम साजो सामान ले जाने में सक्षम है.


लाइन ऑफ कंट्रोल के पास ड्रोन की तैनाती


चीन ड्रोन तकनीक में मामले में दुनिया में सबसे आगे होने का दावा करता है और 2018 से सुपरसोनिक ड्रोन पर काम कर रहा है. सुपरसोनिक ड्रोन आवाज की रफ्तार से तेज यानि लगभग 1200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है.


मलान एयरबेस को चीन लंबे अरसे से ड्रोन परीक्षण और निर्माण के काम में लेता रहा है. सेटेलाइट तस्वीरों में दो ड्रोन खास तौर पर सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा रहे हैं. इनमें से एक है विंग लूंग 2 ड्रोन जो लंबे समय तक आसमान में रह सकता है. ये ड्रोन 1100 किग्रा तक के वजन के साथ उड़ान भर सकता है और 200 किग्रा तक अतिरिक्त वजन यानि विस्फोटक ले जा सकता है.


मलान एयरबेस पर तैनात दूसरा ड्रोन शार्प स्वॉर्ड है, जिसे चीन ने 2019 में अपने 70वें स्थापना दिवस की परेड में प्रदर्शित किया था. शार्प स्वॉर्ड अपने साथ 1000 किग्रा तक विस्फोटक ले जा सकता है और सेटेलाइट डाटा लिंक का इस्तेमाल कर लंबी दूरी के ऑपरेशन करने की क्षमता रखता है.


चीन ने 2020 अक्टूबर में स्वॉर्म ड्रोन यानी बहुत बड़ी तादाद में लॉन्च किए जाने वाले ड्रोन की अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया था. इस तरह के ड्रोन मैदाने जंग में सैनिकों तक दवाएं, रसद या गोलाबारूद तो पहुंचा ही सकते हैं, लेकिन इनका हमला करने के लिए भी इस्तेमाल किया सकता है. विस्फोटकों से लदे ये ड्रोन गाइडेड मिसाइल की तरह झुंड में हमला कर सकते हैं.


चीन के पास ड्रोन तकनीक में बहुत ज्यादा महारत है और वो इस तकनीक को पाकिस्तान को भी दे रहा है. खबरों के मुताबिक पाकिस्तान ने कुछ ही दिन पहले विंग लूंग 2 ड्रोन चीन से लिया है और वो इसका इस्तेमाल जासूसी के लिए कर रहा है.


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