नई दिल्ली. दुश्मन चीन की हर हरकत पर भारत पैनी नज़र रखे हुए है. जहां चीन की सीमा के भीतर लड़ाकू विमान उड़ाए जा रहे हैं, भारतीय लड़ाकू विमान भी अलर्ट पर रेडी हैं. हालांकि कल 4 जून को चीन की सेना ने सीमा पर पीछे हट कर युद्ध के प्रति अपनी अनिच्छा का प्रदर्शन किया था और दो दिन बाद 7 जून को दोनों देशों की सेनाओं के मध्य शांति-वार्ता के अगले चरण की मीटिंग होने वाली है.


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अब लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की होगी बातचीत


लद्दाख सीमा क्षेत्र में चीन और भारत की सेनाओं के मध्य एक माह से चल रहा सैन्य-गतिरोध समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है. भारतीय सीमा के अंदर सामरिक निर्माण के विरोध में सीमा पर ये तनातनी चीन ने पैदा की है किन्तु भारत ने अपने सामरिक अधिकार से किसी तरह के समझौते के संकेत नहीं दिये हैं. दोनो सेनाओं के मध्य सैनिक स्तर की वार्ता के कई दौर असफल रहने के बाद अब शनिवार 7 जून को लेफ्टीनेन्ट कमान्डर स्तर की बातचीत होने वाली है.


भारतीय सेना की तैयारी है पूरी


लद्दाख सीमा पर चीनी सैनिकों ने लगातार आक्रामकता दिखाने की कोशिश की है लेकिन उनकी एक न चली क्योंकि भारतीय सेना उनका जवाब देने के लिये पूरी तरह मुस्तैद है. चीन ने दबाव बढ़ाने के हर सैन्य हथकंडे अपनाये किन्तु भारत को दबाव में नहीं ले पाया.  अब चीन के जंगी जहाज अपनी सीमा क्षेत्र पर हवाबाजी कर रहे हैं जिसका जवाब देने के लिये भारतीय युद्धक विमान भी तैयार हैं.



 


बातचीत के साथ दबाव की नीति


ये शातिर चीन की बातचीत के साथ दबाव की नीति है. इसका एक खास चीनी मकसद भारत को शान्तिवार्ता में लगाकर दूसरी तरफ समय का लाभ लेना और सीमा पर अपनी युद्ध की तैयारियां तेज करना है. भारत चीन की हर चाल समझता है इसलिये भारत ने अपना सैन्य जमावड़ा बढ़ा कर चीन की हर सैन्य-बेहूदगी का जोरदार जवाब देने की तैयारी पूरी रखी है.  वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय थल सेना ने अपनी पोजीशन पर मुस्तैदी दिखाई है और भारतीय वायुसेना भी एलर्ट पर है.


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