नई दिल्ली: लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) में हाई वोल्टेज ड्रामे के बीच चिराग पासवान ने इमोशनल कार्ड खेल दिया है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि अध्यक्ष पद छोड़ने का प्रस्ताव लेकर चिराग पासवान चाचा के पास गए थे. आपको सबसे पहले उन 5 सांसदों को जानना होता जिन्होंने LJP में 'तख्तापलट' करा दिया.


चिराग, चाचा और बगावत


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दरअसल, चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से मुलाकात की. स्पीकर से मुलाकात के दौरान सभी 5 सांसद भी मौजूद थे. आपको बता दें, पशुपति ने खुद को LJP का असली नेता बताया है. निश्चित तौर पर ये चिराग पासवान के पांव तले जमीन खिसकने जैसा है.


चिराग का साथ छोड़ने वाले LJP सांसद


1). पशुपति पारस, सांसद, हाजीपुर
पशुपति पारस अलौली से पांच बार विधायक रह चुके हैं. उन्होंने 1977 में अपना पहला विधानसभा चुनाव जीता था. वो बिहार सरकार में पशु और मछली संसाधन विभाग के मंत्री भी रहे हैं. उन्होंने हाजीपुर से 2019 का संसदीय चुनाव जीता और संसद के सदस्य बने. इसके साथ ही वो लोक जनशक्ति पार्टी की बिहार इकाई के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे, अब वो LJP के नए बॉस बनने का दावा कर रहे हैं.


2). प्रिंस राज, सांसद, समस्तीपुर
प्रिंस राज पासवान बिहार के समस्तीपुर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद है. वे लोक जनशक्ति पार्टी के राजनेता हैं. वो चिराग पासवान के चचेरे भाई हैं. उनके पिता रामचन्द्र पासवान ने इसी सीट से 2014 में चुनाव जीता था.


3). चंदन सिंह, सांसद, नवादा
2019 के चुनाव में बिहार के नवादा लोकसभा सीट पर लोजपा के चंदन सिंह ने कब्जा जमाया था. उन्होंने करीब डेढ़ लाख वोट से चुनाव जीत हासिल की थी. राजद की विभा देवी को एकतरफा मुकाबले में शिकस्त दी थी. चंदन सिंह ने ये साफ कर दिया है कि उनके बॉस चिराग नहीं पशुपति हैं.


4). वीणा देवी, सांसद, वैशाली
'वीणा देवी' बिहार के वैशाली से वर्तमान सांसद हैं. वो गायघाट निर्वाचन क्षेत्र से बिहार विधानसभा की पूर्व सदस्य हैं. 2019 के भारतीय आम चुनाव में, उन्होंने लोक जनशक्ति पार्टी के साथ वैशाली से चुनाव लड़ा और रघुवंश प्रसाद सिंह को हराया.


5). चौधरी महबूब अली, सांसद, खगड़िया
पश्‍चिम बंगाल के कोलकाता में जन्में चौधरी महबूब अली खगड़िया से सांसद हैं. वो पहली बार 2014 में सांसद बने थे. इससे पहले वो सन् 1995 से 2000 तक बिहार विधान सभा के सदस्य थे. 2008 से 2010 तक वो बिहार कांग्रेस समिति के अध्यक्ष रहे हैं. उन्होंने उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से इतिहास में बीए ऑनर्स की शिक्षा प्राप्त की है.


इन 5 सांसदों ने चिराग पासवान को अपना नेता मानने से इनकार कर दिया है. जिसे बिहार की सियासत में बहुत बड़े फेरबदल के तौर पर देखा जा रहा है.


लोकसभा स्पीकर से मुलाकात के बाद एलजेपी के बागी सांसदों का वीणा सिंह के घर जमावड़ा लग गया. जानकारी के अनुसार यहां जेडीयू नेता ललन सिंह भी मौजूद रहे. पशुपति पारस को सांसदों ने नेता चुना है.


चिराग पासवान का इमोशनल कार्ड


इस बीच के बीच चिराग पासवान ने इमोशनल कार्ड खेला है. चिराग का कहना है कि वो अपनी मां को पार्टी अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव देना चाहते हैं. चाचा पशुपति पारस से मिलकर इस विषय पर चर्चा करना चाहते हैं.


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चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी में बगावत छिड़ गई. बताया जा रहा है कि चिराग अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे सकते हैं. पशुपति पारस ने लोकसभा स्पीकर को समर्थन पत्र सौंपा और कहा- मैंने पार्टी तोड़ी नहीं बचाई है.


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