पटनाः बिहार की राजनीति बड़े उलटफेर की खबरें आ रही हैं. लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) में दरार पड़ गई है. उसके छह लोकसभा सदस्यों में से पांच ने चिराग पासवान को संसद के निचले सदन में पार्टी के नेता के पद से हटाने और उनके चाचा पशुपति कुमार पारस को इस पद पर चुनने के लिए हाथ मिला लिया है.
अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया
सूत्रों ने बताया कि सांसदों के इस समूह ने लोकसभा अध्यक्ष को अपना यह निर्णय बता दिया है. हालांकि चिराग पासवान या असंतुष्ट खेमे की ओर से इस संदर्भ में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है.
सूत्रों ने बताया कि असंतुष्ट सांसदों में प्रिंस राज, चंदन सिंह, वीना देवी और महबूब अली कैसर शामिल हैं, जो चिराग के काम करने के तरीके से नाखुश हैं.
पार्टी में अकेले पड़ते दिख रहे हैं चिराग
2020 में पिता रामविलास पासवान के निधन के बाद कार्यभार संभालने वाले चिराग अब पार्टी में अकेले पड़ते नजर आ रहे हैं. उनके करीबी सूत्रों ने जनता दल (यूनाइटेड) को इस बंटवारे के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि पार्टी लंबे समय से लोजपा अध्यक्ष को अलग-थलग करने की कोशिश कर रही थी क्योंकि 2020 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ जाने के चिराग के फैसले से सत्ताधारी पार्टी को काफी नुकसान पहुंचा था. सूत्रों ने बताया कि नाराज लोजपा सांसदों का समूह भविष्य में जद (यू) का समर्थन कर सकता है.
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पशुपति पारस ने तैयार किया खाका
खबर है कि टूट का खाका पूरी तरह से तैयार है और बस इसके लिए ऑफिशियल अनाउंसमेंट होना बाकी है. इससे पहले राजधानी पटना से लेकर दिल्ली तक मेल-जोल चल रहा है. सूत्र कह रहे हैं कि हाजीपुर से सांसद पशुपति पारस ने बीते दिनों भाजपा और जेडीयू के बड़े नेताओं से मुलाकात की और वहां से एक मौन मंजूरी मिलने के बाद इस काम को अंजाम दिया जा रहा है. ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद अब पूरे कार्य को अमलीजामा पहनाया जा रहा है.
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