LJP (रामविलास) के फिर अध्यक्ष बने चिराग, खुद को कहते हैं PM मोदी का `हनुमान`, बिहार की राजनीति पर क्या होगा असर?
माना जा रहा है कि इस फैसले से बिहार ही नहीं देशभर में पार्टी का विस्तार संभव है. साथ ही चिराग पासवान की राजनीतिक स्थिति मजबूत होगी और पार्टी में मतभेदों को खत्म करने में मदद मिलेगी.
नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्री और बिहार की हाजीपुर लोकसभा सीट से सांसद चिराग पासवान को एक बार फिर लोक जनशक्ति पार्टी (LJP-रामविलास) का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया. यह फैसला रांची में आयोजित LJP-रामविलास के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह फैसला लिया गया. पार्टी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा-केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री सह हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद आदरणीय चिराग पासवान को राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक में पुनः लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने पर हार्दिक बधाई एवं अनंत शुभकामनाएं. पार्टी को आपके कुशल नेतृत्व पर पूर्ण भरोसा है साथ ही पार्टी आपके मार्गदर्शन में एक नई ऊंचाई हासिल करेगी.
लोकसभा चुनाव में रहा शानदार प्रदर्शन
बता दें कि हाल में हुए लोकसभा चुनाव में चिराग पासवान के नेतृत्व में पार्टी का प्रदर्शन शानदार रहा है. पासवान को एक बार फिर LJP-रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने के कई राजनीतिक मायने निकलकर सामने आ रहे हैं. यह फैसला कहीं न कहीं पार्टी में एकता और स्थिरता की ओर इशारा कर रहा है. पासवान के नेतृत्व में पार्टी को मजबूती मिलेगी.
पूरे देश में विस्तार संभव!
माना जा रहा है कि इस फैसले से बिहार ही नहीं देशभर में पार्टी का विस्तार संभव है. साथ ही चिराग पासवान की राजनीतिक स्थिति मजबूत होगी और पार्टी में मतभेदों को खत्म करने में मदद मिलेगी. फैसले से न सिर्फ चिराग पासवान की राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बढ़ाएगी, बल्कि, इस फैसले से पार्टी एक नए अध्याय की शुरुआत कर सकता है. पार्टी के लोगों का जिस तरह का भरोसा पार्टी प्रमुख स्वर्गीय राम विलास पासवान पर था वैसा ही भरोसा चिराग पासवान को लेकर भी पार्टी के नेताओं के बीच बनेगी.
बता दें कि चिराग पासवान के पिता रामविलास पासवान के निधन के बाद उनकी पार्टी में कलह हो गई थी. उनके चाचा पशुपति कुमार पारस और चिराग पासवान के बीच कलह खुलकर सामने आई थी. पशुपति कुमार पारस पर पार्टी को तोड़ने का आरोप भी चिराग पासवान ने लगाया था. इसके बाद चिराग ने पार्टी को फिर से मजबूत किया और हाल में हुए लोकसभा चुनाव में उनके गुट को 5 सीट मिली और उन्होंने सभी सीटों पर जीत दर्ज की. दूसरी तरफ, उनके चाचा पशुपति पारस को एक भी सीट नहीं दी गई थी. राजनीति के जानकार बताते हैं कि लोकसभा चुनाव के सभी सीट पर जीत और अब एक बार फिर पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना चिराग की बड़ी जीत है, इससे राजनीति में उनका कद और ऊंचा होगा.
ये भी पढ़ें- अनंत अंबानी के कॉल करने पर भी क्यों शादी में नहीं पहुंचीं कंगना रनौत? अब 2 महीने बाद बताई वजह