CJI को रिटायर होने के बाद मिलती है इतनी पेंशन, जस्टिस चंद्रचूड़ को अब मिलेंगी ये सुविधाएं!
CJI Retirement Benefits: भारत को जल्द ही नया चीफ जस्टिस मिलने वाले हैं. वर्तमान CJI चंद्रचूड़ का 8 नवंबर को आखिरी वर्किंग डे था. अब वे अपनी रिटायरमेंट लाइफ एन्जॉय करेंगे. चलिए जानते हैं कि उन्हें अब क्या सुविधाएं मिलने वाली हैं.
नई दिल्ली: CJI Retirement Benefits: भारत के चीफ जस्टिस (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ रिटायर हो गए हैं. 8 नवंबर को उनका आखिरी वर्किंग डे था, 10 नवंबर को वे CJI का पद छोड़ देंगे. फिर 11 नवंबर यानी सोमवार को जस्टिस संजीव खन्ना CJI का पद संभालेंगे. जस्टिस चंद्रचूड़ के विदाई समारोह में कई लोगों ने भावुक बातें कहीं. खुद चंद्रचूड़ ने भी भावुक बातें कहीं. चंद्रचूड़ को रिटायरमेंट के बाद क्या-क्या मिलेगा, चलिए जानते हैं.
कितनी पेंशन मिलती है?
सबसे पहले तो ये जान लें कि CJI को रिटायर होने के बाद जीवन भर पेंशन मिलती है. आमतौर पर आखिरी सैलरी का 50% हिस्सा पेंशन के तौर पर दिया जाता है. CJI का रिटायरमेंट के बाद निधन हो जाए तो उनके परिवार या आश्रित को 30% पेंशन मिलती है.
इतने महीने के लिए मिलता है घर
CJI को रिटायरमेंट के बाद 6 महीने के लिए दिल्ली में टाइप VII सरकारी बंगला दिया जाता है. इससे उन रिटायर्ड CJI को मदद मिल जाती है, जिनके पास रिटायरमेंट के तुरंत बाद रहने के लिए कोई जगह न हो. इन 6 महीनों में वे खुद के घर की व्यवस्था कर सकते हैं.
ये खास सुविधाएं भी मिलती हैं
1. रिटायर्ड CJI और उनके परिवार को केंद्रीय सरकारी स्वास्थ्य योजना (CGHS) के तहत लाइफटाइम मेडिकल कवरेज मिलता है. बीमारी में होने वाले खर्च को सरकार वहन करती है.
2. रिटायर्ड CJI को PS, एक ड्राइवर, हाउस हेल्प और सेक्रेटेरियल स्टाफ भी दिया जाता है. ये इसलिए दिए जाते हैं, ताकि उनका पर्सनल और प्रशासनिक काम आसान हो जाए.
3. रिटायर्ड CJI के घर पर 5 साल सिक्योरिटी गार्ड रहता है, जो उनकी सुरक्षा को देखता है. इसके अलावा, पर्सनल सिक्युरिटी ऑफिसर (PSO) भी नियुक्त किया जाता है.
4. रिटायर्ड CJI को एक सीमित अवधि तक घरेलू यात्राओं के लिए ट्रेवल अलाउंस दिया जाता है.
5. रिटायर्ड CJI को कई बार दफ्तर और लाइब्रेरी की सुविधा भी मुहैया करवाई जाती है.
वकालत करने की अनुमति नहीं
रिटायर्ड CJI को किसी भी कोर्ट में वकालत करने की अनुमति नहीं भाई. ये नियम सिर्फ CJI पर ही नहीं, बल्कि सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों पर लागू है. भारत के संविधान के अनुच्छेद 124(7) के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में काम करने वाला व्यक्ति रिटायरमेंट के बाद किसी अदालत में वकालत या काम नहीं कर सकता.
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