कोलकाता: पश्चिम बंगाल में कई महीनों से चल रही राजनीतिक लड़ाई का परिणाम आज आ गया. अमित शाह और पीएम मोदी की तमाम कोशिशों के बावजूद भाजपा को सफलता नहीं मिल सकी और ममता बनर्जी अपनी सत्ता बचाने में कामयाब रहीं. 


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हिन्दुत्व के रथ पर सवार होकर बंगाल विजय के लिये निकली भारतीय जनता पार्टी की हर चाल का जवाब उसी की भाषा में ममता दीदी ने दिया जिसका परिणाम ये हुआ कि भाजपा ममता बनर्जी को जीत की हैट्रिक लगाने से नहीं रोक सकी.


ममता बनर्जी के चंडी पाठ का हुआ असर


गृहमंत्री अमित शाह ने बंगाल में जीत के लिए जो रणनीति बनाई थी उसमें भाजपा का सबसे बड़ा मुद्दा था ममता बनर्जी की तुष्टिकरण की राजनीति. भारतीय जनता पार्टी जनता के सामने ये साबित करने में नाकाम रही कि ममता बनर्जी हिन्दू विरोधी हैं. भाजपा ने ममता बनर्जी को पटखनी देने के लिए जय श्री राम के नारे को अपनाया और जोरदार ढंग से इस नारे का उद्घोष किया.


ममता बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी के जय श्री राम के नारे के जवाब में चंडी पाठ किया और नारी शक्ति को अपनाने का सांकेतिक संदेश दिया.


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नन्दीग्राम में किया था दीदी ने चंडी पाठ


नन्दीग्राम से ममता बनर्जी विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं. उन्होंने यहीं पर एक जनसभा में सबसे पहले चंडी पाठ किया था. चंडी पाठ को दुर्गा सप्तशती भी कहा जाता है. धार्मिक मान्यता है कि चंडी पाठ करना बेहद ही शुभ माना जाता है. इसका पाठ कार्य सिद्धि, अभय प्राप्ति और त्रिबिध तापों से मुक्ति प्रदान करने वाला है.


'चंडी पाठ' ने TMC के लिए किया खेला


हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार इसमें मां के तीन चरित्र प्रथम चरित्र, मध्यम चरित्र और उत्तम चरित्र का वर्णन किया गया है. अमित शाह और भाजपा के जय श्री राम के नारे के मुकाबले जिस तरह बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चंडी पाठ का उद्घोष हर मंच से किया उससे बंगाल में लोगों को ये आभास हो गया कि TMC भी नम्र हिंदुत्व साथ लेकर चल रही है. जिसका लाभ चुनाव परिणामों में TMC को मिला.


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