GST कानून को लेकर कांग्रेस ने किया केंद्र का घेराव, उठाई सर्वदलीय बैठक की मांग
कांग्रेस ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू किये जाने के पांच वर्ष पूरे होने पर शुक्रवार को आरोप लगाया कि जीएसटी कानून और इसके क्रियान्वयन के तरीके ने देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया.
नई दिल्ली: कांग्रेस ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू किये जाने के पांच वर्ष पूरे होने पर शुक्रवार को आरोप लगाया कि जीएसटी कानून और इसके क्रियान्वयन के तरीके ने देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया. मुख्य विपक्षी दल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यह आग्रह भी किया कि जीएसटी कानून पर चर्चा करने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए और संसद में भी इस पर चर्चा कराई जाए.
चिदंबरम बोले- 'इस जीएसटी को खारिज करती है कांग्रेस'
पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि कांग्रेस इस जीएसटी को खारिज करती है और वह मौजूदा जीएसटी की जगह 'जीएसटी 2.0' को प्रतिस्थापित करने की दिशा में काम करेगी. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "आज जीएसटी अपना 5वां जन्मदिन मना रहा है. वास्तव में इसमें जश्न मनाने जैसा कुछ भी नहीं है. जीएसटी में कुछ जन्मजात त्रुटियां थी और पिछले पांच वर्षों में ये त्रुटियां बदतर हो गई हैं तथा इसके कारण इसने अपने संपर्क क्षेत्र में आने वाले सभी लोगों को गंभीर आघात पहुंचाया है."
कांग्रेस ने की सर्वदलीय बैठक की मांग
चिदंबरम ने दावा किया, "इसने वस्तुओं और सेवाओं का उपयोग करने वाले आम लोगों, जो ज़्यादा टैक्स की मार झेल रहे हैं, उन्हें अपने बोझ तले दबा दिया." उन्होंने आरोप लगाया, "यह कानून इतना दोषपूर्ण है कि सरकार को सैकड़ों कार्यकारी दिशानिर्देश जारी करने के लिए मजबूर होना पड़ा है. पिछले पांच साल में सरकार ने 869 अधिसूचनाएं, 143 परिपत्र और 38 आदेश जारी किए हैं. यह एक ऐसी जीएसटी है, जो त्रुटिपूर्ण और पूर्णतया अस्थाई है."
उन्होंने दावा किया कि जीएसटी के संदर्भ में राज्यों के साथ विश्वासघात किया गया है. चिदंबरम ने यह भी कहा कि जीएसटी परिषद निष्क्रिय है और राज्यों के वित्त मंत्री इससे नाखुश हैं. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि इस पर (जीएसटी कानून पर) संसद में चर्चा कराई जाए और सर्वदलीय बैठक बुलाकर भी चर्चा की जाए. उन्होंने कहा, "इस जीएसटी पर पुनर्विचार हो ताकि देश को एक सही जीएसटी मिल सके."
यह भी पढ़िए: एकनाथ शिंदे सरकार के पहले फैसले से ही क्यों दुखी हो गए उद्धव ठाकरे?