भोपाल: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने बयान से राज्य की कमलनाथ सरकार को मुसीबत में डाल दिया है. भिंड में पार्टी नेताओं को संबोधित करते हुए सिंधिया ने कहा कि राज्य में किसान कर्जमाफी बिल्कुल भी नहीं की गई है. केवल 50 हजार रुपये का कर्ज ही माफ किया गया है, जबकि हमने कहा था कि 2 लाख रुपये से ज्यादा का किसान कर्ज माफ किया जाएगा. उन्होंने कहा कि 2 लाख रुपये से ज्यादा का किसान कर्ज भी माफ किया जाना चाहिए.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पार्टी को आत्मचिंतन की जरूरत किसान कर्जमाफी के अपने बयान से एक दिन पहले ही ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी पार्टी को आत्मचिंतन करने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि कांग्रेस को आत्मचिंतन करने की जरूरत है. पार्टी की आज जो स्थिति है, उसकी समीक्षा करना समय की मांग है.


राज्य इकाई में गहराता विवाद


ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं. माना जा रहा है कि इससे राज्य कांग्रेस इकाई में विवाद और गहरा हो जाएगा. लोकसभा चुनाव में हार के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्य प्रदेश में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहते हैं. इसी सिलसिले में उनकी नजर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद पर है. इस पद पर या तो वह खुद या अपने किसी खास व्यक्ति को बैठाना चाहते हैं. इसको लेकर वह समय-समय पर कमलनाथ सरकार पर हमला बोलते रहे हैं.


दिग्विजय के भाई भी वादा पूरा न करने की बात कह चुके हैं पिछले महीने कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह के भाई और कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने भी अपने बयान से कमलनाथ सरकार को मुसीबत में डाल दिया था. अपनी ही सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा था कि किसानों की कर्जमाफी का वादा पूरा नहीं हो पाया है. इसके लिए उन्होंने राहुल गांधी को किसानों से माफी मांगनी की बात कही थी और उनसे पूछा था कि कर्ज माफ करने में कितना वक्त और लगेगा.