नई दिल्ली: CDS की नियुक्ति पर जिस बात का अंदेशा था वही हुआ, कांग्रेस ने इस पर राजनीति शुरू कर दी है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि जनरल बिपिन रावत की नियुक्ति CDS के पद पर नियुक्ति उनके वैचारिक झुकाव को लेकर हुई है. बीजेपी ने कांग्रेस पर पलटवार किया है.


सेना की मजबूती कांग्रेस को पसंद नहीं?


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सबसे पहले ये पढ़िए जो लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने प्रतिक्रिया दी है जनरल बिपिन रावत को CDS बनाए जाने पर उन्होंने कहा है कि-


'अंत में मिस्टर रावत पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बन गए हैं. सरकार ने निश्चत तौर पर उनके सभी प्रदर्शन और वैचारिक झुकाव को ध्यान में रखकर नियुक्ति की है. भारतीय सेना गैर-राजनीतिक संस्था है, जिसके लिए जाति-घर्म और समुदाय से ऊपर उठकर सभी भारतीय को गर्व है. बिपिन रावत जी के वैचारिक झुकाव का असर गैर राजनीतिक संस्था सेना पर नहीं पड़ना चाहिए.'


सेना पर 'सियासी पत्थरबाजी' कब तक?


ये प्रतिक्रिया है कांग्रेस की देश के CDS की नियुक्ति पर जिसमें साफ तौर पर जनरल के वैचारिक झुकाव का जिक्र किया गया है. सवाल ये है कि क्यों कांग्रेस इस नियुक्ति को सियासी रंग देने पर तुली हुई है. इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी ने पलटवार भी किया है.


BJP नेता नलिन कोहली ने कहा है कि 'बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बात है. कांग्रेस पार्टी लगातार सेना, वायुसेना सुरक्षाकर्मियों को लेकर अपनी राजनीति के लिए अलग अलग प्रश्न उठाती है. क्या इस प्रकार प्रश्न उठाना सेना और 
सेनाकर्मियों पर उचित है? इस पर कांग्रेस को सोचना चाहिए.'


लेफ्ट ने शुरू कर दी सियासत


इसके अलावा सीपीआई नेता हन्नान मोल्लाह ने कहा है कि 'ऐसी मानसिकता के लोगों को तो पुरस्कार मिलना ही चाहिए. सबने कहा था कुछ दिन में मिलने वाला है मिल गया. आर्मी के अंदर रहते, अफसर रहते सांप्रदायिक भेदभाव वाली मानसिकता पालन करता है कभी कभी बातों में नजर आता है.'


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जनरल बिपिन रावत पर इस तरह के सियासी प्रहार पहली पहली बार नहीं हुए हैं. इसी तरह की सियासी पत्थरबाजी को लेकर विपक्ष लगातार हावी होने की कोशिश करता रहा है. सवाल ये है कि CDS का पद बनाए जाने की सिफारिश जब कारगिल के युद्ध के बाद की गई थी तो कांग्रेस अब जनरल रावत की नियुक्ति पर कांग्रेस क्यों सियासी घमासान चाहती है.


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