नई दिल्ली: कोरोनावायरस की बूस्टर डोज के तौर पर अब कोवोवैक्स वैक्सीन का विकल्प भी मौजूद है. हालांकि बूस्टर डोज को लेकर लोगों में कोई विशेष दिलचस्पी नहीं दिखाई दे रही है. सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने मंगलवार को कोवैक्स वैक्सीन को cowin प्लेटफार्म पर मौजूद होने की जानकारी शेयर की है.


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आ गई कोरोना की नई वैक्सीन



इस बीच भारत में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते चले जा रहे हैं. केरल के बाद दिल्ली और एनसीआर में सबसे ज्यादा मामले देखे जा रहे हैं. ऐसे में रोजाना बुखार के लिए दिखाने आने वाले मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, लेकिन मास्क सब जगह अनिवार्य ना होने की वजह से प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में बुखार के सभी मरीज एक साथ बैठे हैं. चाहें किसी को बाद में कोरोनावायरस  निकले या साधारण वायरल बुखार.. आपको बताते हैं कि दिल्ली एनसीआर के अस्पतालों में क्या हालात हैं.


जमीनी हकीकत का ज़ी मीडिया ने लिया जायजा
ज़ी मीडिया ने कोविड के हालातों को लेकर ग्राउंड रिपोर्ट में क्या पाया वो बताते हैं. ग्रेटर नोएडा में बने सरकारी अस्पताल 'गवर्नमेंट इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस' के ओपीडी में लगे बोर्ड पर लिखा है कि 'हम आपके स्वस्थ रहने की कामना करते हैं', लेकिन हर कमरे के बाहर लगी कतार यह बता रही है की यह दुआ पूरी नहीं हो रही है. डॉक्टरों का भी कहना है कि पिछले कुछ दिनों में कोविड-19 मामलों की वजह से ओपीडी में भीड़ बढ़ती चली जा रही है.


इस अस्पताल में पिछले 1 महीने में ही कोविड-19 चीजों की संख्या में 20% का इजाफा देखा गया है. हालांकि डॉक्टरों का मानना है कि राहत की बात यह है कि एक भी मरीज को भर्ती करने की नौबत नहीं आई है, लेकिन अब जिस तेजी से गौतम बुद्ध नगर में मामले बढ़ रहे हैं उसे देखते हुए भर्ती करने लायक मरीजों के लिए भी फिर से बेड की व्यवस्था की जा रही है.


IMA ने जारी की एडवाइजरी
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने कोरोना से बचने के तरीके जारी किए हैं. आईएमए के मुताबिक अधिकतर मामले 60 से अधिक उम्र के लोगों और डायबिटीज जैसी पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोगों में देखने को मिले हैं.



कोरोना के मामलों ने भारत में पकड़ी रफ्तार
बीते 24 घंटों में भारत में कोरोना की वजह से 15 मौतें हो गई है इनमें से तीन केवल दिल्ली में हुई है. उत्तर प्रदेश में भी सबसे बुरा हाल गौतम बुद्ध नगर जिले का है. दिल्ली एनसीआर में संक्रमण की दर 26% को पार कर गई है. यानी कि हर 100 में से 26 लोगों को कोरोना का खतरा बताया जा रहा है.


भारत में कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज का एक और विकल्प
इस बीच भारत में एक और वैक्सीन बूस्टर डोज के तौर पर ली जा सकती है. यह है covovax वैक्सीन, जो अमेरिका और यूरोप में भी बूस्टर के तौर पर लगाई जा रही है. अदार पूनावाला का दावा है कि यह वैक्सीन सब वैरिएंट के खिलाफ असरदार है.


किसे लगवानी चाहिए तीन नहीं, चार डोज? WHO की  सलाह
हालांकि हाल ही में डब्ल्यूएचओ ने यह साफ किया है कि छोटे बच्चों को बूस्टर डोज की विशेष जरूरत नहीं है, लेकिन बीमार लोग बुजुर्ग लोग और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों को चौथी बूस्टर के बारे में भी सोच लेना चाहिए. हालांकि भारत मैं अभी केवल तीन डोज की ही व्यवस्था है.


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