नई दिल्लीः देश में कोरोना वायरस (Corona viurs) महामारी का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है. पिछले 24 घंटों के दौरान सक्रिय मामले 92,922 बढ़कर 12 लाख के पार पहुंच गए है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सोमवार सुबह जारी आंकड़ों के अनुसार देश में 1,68,912 नए मामले दर्ज किए गए. इसके साथ ही संक्रमित लोगों की संख्या एक करोड़ 35 लाख 27 हजार 717 हो गई है.


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ये आंकड़े लोगों को डराने वाले हैं और इसके साथ ही राज्यवार जिस तरीके से प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं, जिनमें नाइट कर्फ्यू से लेकर वीकेंड लाॉकडाउन तक शामिल है, वह भी लोगों में कहीं न कहीं आशंका जगा रहा है कि क्या आगे आने वाले दिनों केंद्र सरकार Lockdown तो नहीं लगाने वाली है.


यह सवाल Corona के बढ़ते संक्रमण से भी अधिक परेशान करने वाला है. आशंकाओं के इसी माहौल के बीच कुछ जवाब तलाशने की कोशिश की ZEE Hindustan ने, जिसके लिए बतौर एक्सपर्ट बात की गई, DR M wali से जो कि Sir Ganga Ram Hoapital में Senior consultant हैं. 


सवालः क्या देश में फिर से Lockdown लग सकता हैं ? (Corona FAQ)
जवाबः डॉ. एम वली कहते हैं कि Corona ने अपना स्वरूप बदल लिया है. यह पिछले साल वाला Cororna बिल्कुल नहीं है. ऐसे में अगर Lockdown होना चाहिए तो पूरा होना चाहिए. आंशिक तालाबंदी से कोई फायदा नहीं होने वाला है. सरकारों में अभी इसको लेकर शायद झिझक है, लेकिन जब तक सरकार Lockdown नहीं लगाती है तब तक आप अपने मुंह पर Lockdown लगा कर रखें, यानी फेस मास्क पहने और अपने पैरों पर भी ताले लगाएं.



यानी घर पर रहें. अगर Lockdown नहीं लग रहा है तो आप खुद ही अपने लिए पाबंदियां तय कर लें. वैसे भी बिना सावधानी के Lockdown दीर्घकालिक उपाय नहीं है. 


क्या नाइट कर्फ्यू से कोई असर दिखेगा ?
डॉ. वली के मुताबिक नाइट कर्फ्यू से कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा. इसका कोई फायदा नहीं दिखने वाला है. एहतियात के तौर पर पाबंदियां और बढ़ाई जानी चाहिए. 


क्या अलग-अलग राज्य जो सीमित Lockdown लगा रहे हैं उससे कोई फायदा होगा ?
अलग-अलग राज्य सीमित Lockdown लगा रहे हैं. डॉ. वली कहते हैं कि इस बारे में क्या ही कहना, जिसमें खुद ही सीमित जुड़ा हुआ है तो इसके सीमित ही फायदे होंगें. कोरोना का प्रसार बहुत ही तेजी से हो रहा है.


ऐसे में सीमित Lockdown और कर्फ्यू का कोई फायदा नहीं होगा. जिस हिसाब से केस बढ़ रहे हैं महीने के अंत तक इनकी स्पीड और बढ़ जाएगी. लोगों को चाहिए कि वह खुद ही पाबंदियां लगाने पर गंभीरता दिखाएं. गैरजरूरी बाहर न जाएं.


कोरोना को लेकर Lockdown लगता है तो अन्य बीमारी के मरीजों का क्या होगा, उसके लिए क्या तैयारी होनी चाहिए ?
यह वाकई एक बड़ी समस्या वाली बात है. कोरोना के बढ़ते मरीजों के कारण अस्पताल में अन्य बीमारियों के मरीजों के इलाज के लिए बेड नहीं मिल रहे हैं. पहले भी शुरुआत में ऐसा हुआ था. इधर कई अस्पतालों के भी डॉक्टर और स्टॉफ कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं. ऐसे में तैयारी के लेवल पर तो यही होना चाहिए अस्पतालों में बेड बढ़ाए जाने चाहिए. क्योंकि बीमारी और इलाज में सबसे बड़ी जरूरत तो बेड की है.



ऑक्सीजन और वेंटिलेटर बेड होना बड़ी जरूरत है. सरकार भी कह रही है कि अस्पताल में बेड बढ़ाए जा रहे हैं. वहीं सुरक्षा के लिहाज से जरूरी है कि मरीज का कोरोना टेस्ट हो जाए और फिर इलाज हो. यह पहले भी हो ही रहा था. इतनी तैयारी तो होनी ही चाहिए. 


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अगर Lockdown नहीं होता है तो क्या सावधानियां बरतने की जरूरत हैं ?
कोरोना के संक्रमण को रोकना केवल हमारे हाथ में हैं. डॉ. वली कहते हैं कि अधिक से अधिक सावधानियां ही सिर्फ आपको कोरोना से बचा सकती है. आप कोशिश कीजिए की घर में भी हैं तो भी मास्क पहनकर रहिए. सैनिटाइजर का प्रयोग करते रहिए, जब भी आप किसी बाहरी वस्तु के संपर्क में आएं.



इसके साथ ही 2 मीटर की ही दूरी क्यों अधिक से अधिक दूरी बनाकर रखिए, ताकि संक्रमण को फैलने का मौका ही न मिले. बगैर जरूरत घर से बाहर मत निकलिए. कम से कम 8 महीने तो ऐसा करना ही होगा. जब भी टीका लगवाने का नंबर आए तो टीका जरूर लगवाएं.


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