Corona in Court: कोरोना के कहर के बीच देश में कैसे काम कर रहे हैं कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट में 44 से अधिक कर्मचारियों के कोरोना की चपेट में आने के बाद सुप्रीम कोर्ट के सभी जज `वर्क फ्रॉम होम` पर चले गए हैं और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई कर रहे हैं.
नई दिल्ली: कोरोना के बढ़ते मामलों से देश में हाहाकर मचा हुआ है. वहीं कोरोना की दूसरी लहर से अब देश भर की अदालतें भी इसकी जद में आ गई हैं. सुप्रीम कोर्ट से लेकर निचली अदालतों में कोरोना के एकाएक मामले बढ़ रहे हैं.
देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट का आलम ये है कि यहां काम करने वाले 44 से अधिक कर्मचारी कोरोना की चपेट में आ गए हैं जबकि जजों पर भी संक्रमण का खतरा बढ़ गया है क्योंकि ये कर्मचारी जजों के ऑफिस और रजिस्ट्री में काम करते थे.
इन कर्मचारियों के कोरोना संक्रमित होने के बाद सुप्रीम कोर्ट के सभी जज 'वर्क फ्रॉम होम' पर चले गए हैं और अपने आवास से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई कर रहे हैं.
यहीं हाल देशभर के हाई कोर्ट और निचली अदालतों का है. यहां भी जज और कोर्ट स्टाफ कोरोना संक्रमित हो रहे हैं.
कोरोना से यूपी सरकार के चीफ स्टैंडिंग काउंसिल की मौत
इलाहाबाद हाईकोर्ट में यूपी सरकार के चीफ स्टैंडिंग काउंसिल विकास त्रिपाठी की कोरोना से मौत हो गई. तबीयत ज्यादा बिगड़ने के कारण प्रयागराज से लखनऊ पीजीआई में भर्ती कराया गया था.
जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया.इलाहाबाद हाईकोर्ट के ही पूर्व महाधिवक्ता और वरिष्ठ अधिवक्ता वीसी मिश्र (92) का निधन हो गया. वे कुछ दिन पहले कोरोना वायरस से पीड़ित हुए थे.
बार काउंसिल ऑफ इंडिया और यूपी बार काउंसिल के चेयरमैन रहे वीसी मिश्र की गिनती देश के बड़े वकीलों में होती थी.
दिल्ली हाईकोर्ट के जजों को हुआ कोरोना
दिल्ली हाई कोर्ट के 3 जजों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है. चौथे जस्टिस में लक्षण दिखने के बाद उनका कोरोना टेस्ट किया गया है. इसके अलावा जस्टिस संजीव सचदेवा, जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद के भी कोरोना से ग्रसित होने की खबर है.
हाईकोर्ट ने लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामलों को देखते हुए पिछले शुक्रवार से ही सभी मामलों की फिजिकल हियरिंग पर रोक लगा दी थी, लेकिन इसके बावजूद भी राजधानी दिल्ली में संक्रमण जिस तेज रफ्तार से बढ़ रहा है, उसकी चपेट में जज भी आ गए हैं.
उधर, दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने भी अपना कार्यालय 20 अप्रैल तक बंद कर दिया है.
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दिल्ली में फिजिकल सुनवाई बंद
कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते दिल्ली हाई कोर्ट ने 9 अप्रैल से हाई कोर्ट और राजधानी की सभी जिला अदालतों में फिजिकल सुनवाई बंद करने के आदेश जारी किया था.
नए आदेश के बाद 23 अप्रैल तक दिल्ली हाई कोर्ट और दिल्ली की सभी जिला अदालतों में सुनवाई अब वर्चुअल मोड में ही हो रही है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट भी कोरोना की चपेट में
इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से आज सेवानिवृत्त हुए गोविंद माथुर, जस्टिस मनोज मिश्रा के संक्रमित होने की खबर है. साथ ही प्रदेशभर के कम से एक दर्जन न्यायिक अफसर और जज भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं.
दोनों जस्टिस फिलहाल होम आइसोलेशन में हैं. बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण मथुरा जिले के सभी कोर्ट आज बंद किए गए थे. लखनऊ जिला कोर्ट 18 अप्रैल तक के लिए बंद कर दिया गया है.
कोरोना से नैनीताल हाईकोर्ट का भी बुरा हाल
नैनीताल हाईकोर्ट को एक हफ्ते के लिए बंद कर दिया गया है. हाईकोर्ट अब 19 अप्रैल को खुलेगा और उस दिन से ऑनलाइन सुनवाई होगी. 13 से 18 अप्रैल तक की छुट्टी के दौरान हाईकोर्ट परिसर को सेनेटाइज किया जाएगा.
दरअसल, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन चुनाव में शामिल कुछ वकीलों को कोरोना पॉजिटिव आने से अधिवक्ताओं में कोरोना से भय का माहौल था जिसके बाद अब कोर्ट बंद करने का निर्णय लिया गया है.
बिहार में भी जजों पर कोरोना का प्रकोप
बिहार के नवादा के जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश नारायण सेवक पांडेय कोरोना संक्रमित हैं. गौरतलब है कि पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश भी कोरोना संक्रमित हो गए थे.
पटना के एम्स में उनका इलाज चल रहा है. इसके बाद कोर्ट में उनके आसपास रहने वालों लोगों की जांच की सलाह दी गई थी.
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