नई दिल्ली: वर्तमान में हमारा देश पहले से ही कोरोना महामारी के बड़े संकट से जूझ रहा है. ऐसे में 'तौकते' तूफान कई राज्यों में मुश्किलें बढ़ा सकता है. इन राज्यों में तूफान आने से जन-जीवन प्रभावित होने की संभावना है.


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तूफान और बारिश के कारण अस्पतालों में इलाज करा रहे मरीजों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. जन सामान्य का जीवन प्रभावित होने से इन राज्यों में कोरोना गाइडलाइंस का पालन करवा पाना भी मुश्किल होगा. 


बिजली जाने से अस्पतालों की बढेंगी मुश्किलें


देश के पश्चिमी तटीय राज्यों जैसे केरल और कर्नाटक में तूफान आने के कारण लोगों की समस्या बढ़ सकती है. तूफान और बारिश की स्थिति नमे बिजली काटी जा सकती है.


ऐसे में क्या अस्पतालों के पास इतने संसाधन उपलब्ध हैं कि वे अस्पातल में चल रहे सभी उपकरणों को जेनरेटर चलाकर चालू रख सकें. क्या उन्होंने ऐसी स्थिति से निपटने के लिए तैयारी की है. क्या उनके पास लगातार जेनरेटर के इस्तेमाल के लिए पर्याप्त मात्रा में डीजल है. 


राज्यों में कई मरीज अभी वेंटीलेटर पर हैं. इन राज्यों में तूफान के कारण अगर बिजली की सप्लाई प्रभावित होती है, तो वेंटीलेटर न चलने से इन मरीजों की जान को भी खतरा हो सकता है.


ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या सरकार ने ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए कोई तैयारी की है. 


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ऑक्सीजन सप्लाई प्रभावित होने की आंशका


कोरोना की दूसरी लहर में बड़ी संख्या में मरीज ऑक्सीजन की कमी के कारण अस्पतालों में भर्ती हैं. 


तूफान और बारिश के कारण कई विमानन कंपनियों ने अपनी फ्लाइट रद्द कर दी हैं. इंडिगो और एयर इंडिया ने अपनी कई फ्लाइट रद्द एवं रिशेड्यूल की हैं.


ऐसे में हवाई मार्ग ठप होने से कई जगहों पर ऑक्सीजन की आपूर्ति भी प्रभावित होगी.



ऐसे में प्रश्न यह उठता है कि क्या अस्पतालों के पास पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन है कि वे कुछ समय तक ऑक्सीजन की सप्लाई ठप होने पर भी मरीजों के लिए ऑक्सीजन की मांग को पूरा कर सकें. 


अगर अस्पतालों के पास पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं होगी, तो इन राज्यों में बड़ा संकट उत्पन्न हो सकता है. 


कोविड गाइडलाइंस का पालन होगा मुश्किल


तूफान और भारी बारिश के कारण तटीय इलाकों में लोगों को घरों से निकालकर शेल्टर होम में भी रखा जा सकता है. 


लेकिन ऐसी स्थिति में क्या सरकार इतने सारे लोगों को एक साथ रखकर कोविड गाइडलाइंस का पालन सुनिश्चित करा पाएगी. 


ऐसे में प्रश्न यह उठता है कि क्या सरकार ने ऐसी स्थिति से निपटने के लिए कोई तैयारी की है. क्योंकि ऐसी स्थिति में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने की आंशका है. 


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