नई दिल्ली. RSS के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार का कहना है कि देश गांधी और नेहरू के समय से कहीं अधिक तरक्की कर चुका है. उन्होंने कहा कि पहले मकान और गलियां कच्ची होती थीं, यातायात के लिए बैलगाड़ी और साइकिल तथा रोशनी के नाम पर लालटेन, लैंप और दीए हुआ करते थे, आज हर तरफ विकास की चकाचौंध है.


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मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मार्गदर्शक इंद्रेश कुमार ने बताया कि देश में ऐतिहासिक, धार्मिक, पौराणिक स्थानों को नई पहचान मिली है, जिससे टूरिज्म और रोजगार में वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा- एक समय सरकारी रोजगार से 3 करोड़ 50 लाख लोग जुड़े थे, जो आज बढ़कर 5 करोड़ और गैर सरकारी रोजगार से 50 करोड़ लोग जुड़े थे, जिनकी संख्या अब 80 करोड़ पहुंच चुकी है. स्किल डेवलपमेंट को बढ़ावा दिए जाने के कारण आज लाखों युवा पुरुष-महिलाएं जीविकोपार्जन के लिए स्वरोजगार से जुड़े हैं.


1950 के दशक का जिक्र
उन्होंने कहा 1950 के दशक और आज के समय को याद करते हुए कहा कि एक समय था, जब लोगों के पास परचेजिंग कैपिसिटी नहीं थी. उस समय तो देश में सड़कों के नाम पर कच्ची और गड्ढों वाली सड़कें होती थीं और यातायात के रूप में बैलगाड़ी, तांगा (घोड़ा गाड़ी) और यदा कदा बस हुआ करती थीं. आज की हकीकत यह है कि लोग तरह तरह की कार, अच्छे मकान, सोना और अन्य भौतिक एवं लक्जरी वस्तुएं आराम से खरीद पा रहे हैं. अब सड़क, रेल, मेट्रो, और हवाई यात्राओं के संसाधनों में कई सौ प्रतिशत की वृद्धि हुई है.


'अभी बहुत विकास होना बाकी'
बीते दशकों में हुए विकास की बात करते हुए इंद्रेश कुमार ने यह भी माना कि अभी विकास के लिए काफी काम बाकी है. उन्होंने कहा कि अभी बहुत कुछ विकसित होना है, क्योंकि विकास और विस्तार की कोई सीमा नहीं होती. यह प्रक्रिया निरंतर चलती रहनी चाहिए. महत्वपूर्ण यह है कि देश की बागडोर अनुभवी, अनुशासित और व्यवस्थित हाथ में हो. आज देश भयमुक्त, भूखमुक्त, भ्रष्टाचारमुक्त आत्महत्यामुक्त और दंगामुक्त भारत है.


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