नई दिल्लीः कोविड के एम-आरएनए टीकों का उपयोग रोकने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय अपील का नेतृत्व कर रहे प्रख्यात ब्रिटिश-भारतीय हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ असीम मल्होत्रा ने मंगलवार को कहा कि भारत में कोविशील्ड के रूप में लगाया जा रहा ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका का टीका दिल का दौरा पड़ने की एक मुख्य वजह है. एस्ट्राजेनेका के कोविड टीके के उपयोग की पूर्ण सुरक्षा समीक्षा की मांग कर रहे डॉ मल्होत्रा ने पीटीआई-भाषा से कहा, कोविशील्ड का इस्तेमाल प्रथम वरीयता के रूप में देश में कभी नहीं किया जाना चाहिए था.


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डॉक्टर ने उठाए कई सवाल
डॉ मल्होत्रा ब्रिटेन की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा(एनएचएस) के प्रशिक्षित चिकित्सक हैं और उन्होंने कोविड-19 टीके की दो खुराक ली थी. वह इन टीकों का उपयोग रोकने के लिए साक्ष्य आधारित मामला बनाने के लिए कोविड टीकों पर सिलसिलेवार व्याख्यान देने के वास्ते इस हफ्ते भारत में हैं. उन्होंने कहा कि दिल का दौरा पड़ने जैसे गंभीर दुष्प्रभावों की आशंका को लेकर फाइजर और मॉडर्ना द्वारा निर्मित एम-आरएनए टीकों का उपयोग रोकने के लिए अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपील की गई है. भारत में ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका का टीका कोविशील्ड के रूप में जाना जाता है. 


एक रिसर्च में किया था खुलासा
उल्लेखनीय है कि पिछले साल प्रकाशित एक अध्ययन में चेतावनी दी गई थी कि इसका नुकसान ज्यादातर लोगों को मिले इसके लाभ पर भारी पड़ सकता है. डॉ मल्होत्रा ने कहा, ‘‘जून 2021 तक की गई एक तुलना और एक जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में यह प्रदर्शित हुआ था कि हृदय पर पड़ने वाले प्रभाव, दिल का दौरा पड़ने और रक्त का थक्का जमने के संदर्भ में ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका का कोविड टीका फाइजर कंपनी के एम-आरएनए टीके से कहीं अधिक नुकसान पहुंचा सकता है. 


उन्होंने कहा, ‘‘फाइजर के एम-आरएनए टीके के पक्ष में ब्रिटेन में इसके उपयोग को चरणबद्ध तरीके से बंद किए जाने से पहले दुष्प्रभावों के मामलों की संख्या 97 लाख खुराक के बाद आठ लाख थी. जून 2021 में प्रकाशित एक अध्ययन में यह खुलासा हुआ कि एस्ट्राजेनेका के कोविड टीके का फाइजर एम-आरएनए टीके की तुलना में अधिक दुष्प्रभाव था.


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उन्होंने कहा, ‘‘एस्ट्राजेनेका का कोविशील्ड टीका भारत में क्यों लगाया गया, जबकि गंभीर दुष्प्रभावों को लेकर इसका उपयोग ब्रिटेन और कुछ यूरोपीय देशों में रोक दिया गया था.डॉ मल्होत्रा ने कहा, ‘‘इस बारे में जांच लंबित रहने तक इसके इस्तेमाल पर रोक लगाने की तत्काल जरूरत है कि भारत ने यह गलती क्यों की.


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