किस्सा कुर्सी का... आतिशी ही नहीं, ये मुख्यमंत्री भी CM की चेयर पर नहीं बैठे!
Delhi CM Atishi and Arvind Kejriwal: दिल्ली में आज से दो दिन के विशेष विधानसभा सत्र की शुरुआत हो रही है. मुख्यमंत्री आतिशी सदन को संबोधित करेंगी. इस बीच चर्चा है कि वे विधानसभा में CM की कुर्सी पर बैठेंगी या इसे खाली छोड़ेंगी. 23 साल पहले भी कुर्सी खाली छोड़ने का एक वाकया हुआ था.
नई दिल्ली: Delhi CM Atishi and Arvind Kejriwal: दिल्ली में आज से 2 दिन का विधानसभा सत्र शुरू होने वाला है. आतिशी के मुख्यमंत्री बनने के बाद यह पहला विधानसभा सत्र है. AAP के सुप्रीमो और दिल्ली के पूर्व CM अरविंद केजरीवाल विधानसभा में पहली बार एक विधायक के रूप में उपस्थित रहेंगे. अब चर्चा है कि क्या दिल्ली की नई CM आतिशी सदन में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठेंगी या इसे खाली छोड़ देंगी. सदन में मुख्यमंत्री की कुर्सी स्पीकर के ठीक सामने रहती है.
आतिशी ने CM हाउस में खाली छोड़ी कुर्सी
इससे पहले आतिशी ने जब मुख्यमंत्री का पद संभाला था, तब उन्होंने CM की कुर्सी खाली छोड़ी और बगल में एक दूसरी कुर्सी लगवाई, जिस पर वे बैठीं. तब आतिशी ने कहा- जिस तरह भरत जी ने खड़ाऊं रखकर सिंहासन संभाला उसी तरह मैं सीएम की कुर्सी संभालूंगी. साथ ही उन्होंने खाली कुर्सी के लिए कहा कि ये कुर्सी केजरीवाल की वापसी तक यहीं रहेगी और इसे केजरीवाल का इंतजार है.
जयललिता और पन्नीरसेल्वम का किस्सा
ऐसा देश के इतिहास में पहली बार नहीं हुआ जब एक मुख्यमंत्री CM की कुर्सी खाली छोड़, दूसरी चेयर पर बैठा हो. साल 2001 में भी तमिलनाडु में ऐसा वाकया देखने को मिला था. तब सूबे की सियासत में जयललिता की तूती बोलती थी. लेकिन तांसी जमीन घोटाले में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें दोषी माना और जयललिता को CM पद से इस्तीफा देना पड़ा. AIADMK की नेता जयललिता ने तब पहली बार के विधायक ओ पन्नीरसेल्वम (OPS) को राज्य का CM बनाया. पन्नीरसेल्वम ने 21 सितंबर 2001 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. मुख्यमंत्री बनने के बाद पन्नीरसेल्वम जेब में जयललिता की तस्वीर भी रखते थे. चेन्नई के फोर्ट सेंट जॉर्ज वाले ऑफिस में पन्नीरसेल्वम जयललिता की कुर्सी पर नहीं बैठे. वे दूसरी कुर्सी पर बैठते, जिस पर एम करुणानिधि बैठा करते थे.
जैसे आतिशी ने पैर छुए, वैसे ही पन्नीरसेल्वम ने भी
जैसे आतिशी ने शपथ ग्रहण समारोह वाले दिन केजरीवाल के पैर छुए, वैसे ही पन्नीरसेल्वम ने जयललिता के पैर छुए थे. वे मुख्यमंत्री रहते हुए भी यही कहा करते थे- ये अम्मा की सरकार, मैं अस्थाई तौर पर इसे संभाल रहा हूं. 6 महीने बाद यानी मार्च 2002 में जयललिता घोटाले मामले में बरी हो गईं, तब पन्नीरसेल्वम ने अपनी वफादारी दिखाते हुए कुर्सी खाली कर दी. बहरहाल, ये और बात है कि पन्नीरसेल्वम को रबर स्टांप CM बताया गया.
जयललिता ने फिर बनाया CM
इस वाकये के 13 साल बाद एक बार फिर पन्नीरसेल्वम को जयललिता ने CM बनाया था. आय से अधिक संपत्ति के मामले में जयललिता दोषी पाई गईं. तब उन्होंने फिर से पन्नीरसेल्वम को CM पद की शपथ दिलाई. शपथ के दौरान पन्नीरसेल्वम भावुक हुए और रुमाल से आंसू पोंछते दिखे. तीसरी बार पन्नीरसेल्वम जयललिता के निधन के बाद दिसंबर, 2016 में मुख्यमंत्री बने थे.
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