नई दिल्ली: Omar Abdullah Divorce: दिल्ली हाईकोर्ट ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को तलाक देने से मना कर दिया. उमर अपनी पत्नी पायल अब्दुल्ला से तलाक चाहते थे, लेकिन कोर्ट ने कहा कि अपनी पत्नी से तलाक लेने के लिए आपके पास पर्याप्त वजहें मौजूद नहीं हैं. इस कारण हम आपको तलाक की मंजूरी नहीं दे सकते हैं. 


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कोर्ट ने क्यों नहीं दिया तलाक?
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला की तलाक याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि आपकी अपील सुनवाई योग्य नहीं है.न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विकास महाजन की पीठ ने भी निचली अदालत के उसी आदेश को बरकरार रखा, जिसने अब्दुल्ला को तलाक देने से इनकार कर दिया था. हाईकोर्ट ने कहा कि उनको फैमली कोर्ट के फैसले में कोई कमी नजर नहीं आती है. उमर ने आरोप लगाया कि उनकी पत्नी ने उनके साथ क्रूर आचरण किया है. लेकिन कोर्ट ने कहा कि अपीलकर्ता अपने ऐसे किसी भी कृत्य को साबित करने में विफल रहे जिसे क्रूर कृत्य कहा जा सके. 


गुजारा भत्ता बढ़ा
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि उमर अपनी पत्नी पायल को हर महीने 1.5 लाख रुपये का गुजारा भत्ता देंगे. निचली अदालत 75 हजार रुपए का मासिक भत्ता तय किया था. हाईकोर्ट ने अब्दुल्ला कहा कि वो हर महीने 60 हजार रुपए का भत्ता अपने बच्चों को भी देंगे.जबकि ट्रायल कोर्ट ने बच्चों की एजुकेशन के लिए 25 हजार रुपये मासिक भत्ता तय किया था. गौरतलब है कि उमर की पत्नी पायल अब्दुल्ला ने ट्रायल कोर्ट के 2018 के आदेश को चुनौती दी थी. उन्होंने हाईकोर्ट से गुजारा भत्ता बढ़ाने की मांग की थी.


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