क्या है डोर्नियर विमानों की खासियत? 458 करोड़ में HAL से खरीदेगा रक्षा मंत्रालय
dornier 228 aircraft specifications: ये विमान कई अत्याधुनिक उपकरण से सुसज्जित होंगे जिनमें ग्लास कॉकपिट, समुद्री निगरानी रडार, इलेक्ट्रो ऑप्टिक इंफ्रारेड उपकरण और अभियान प्रबंधन प्रणाली शामिल है.
नई दिल्ली. रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को तटरक्षक बल के लिए दो डोर्नियर विमानों की खरीद के लिए सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से 458 करोड़ रुपये से अधिक का समझौता किया. एक अधिकारी ने कहा, ‘रक्षा मंत्रालय ने भारतीय तटरक्षक बल के लिए दो डोर्नियर विमानों की खरीद के लिए एचएएल के साथ 458.87 करोड़ रुपये का समझौता किया है, जिसके साथ अभियांत्रिकी सहयोग पैकेज भी शामिल है.’ इस विमान की खरीद ‘भारत से खरीदारी श्रेणी’ के तहत होगी.
आधुनिक खासियों से है भरपूर
अधिकारियों ने बताया कि ये विमान कई अत्याधुनिक उपकरण से सुसज्जित होंगे जिनमें ग्लास कॉकपिट, समुद्री निगरानी रडार, इलेक्ट्रो ऑप्टिक इंफ्रारेड उपकरण और अभियान प्रबंधन प्रणाली शामिल है. मंत्रालय ने कहा कि डोर्नियर विमानों को एचएएल (परिवहन विमान डिवीजन), कानपुर में स्वदेशी रूप से निर्मित किया जा रहा है. यह सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने में अहम योगदान देगा. इसके जुड़ने से आईसीजी की जिम्मेदारियों के तहत आने वाले समुद्री क्षेत्रों की हवाई निगरानी क्षमता को और बढ़ावा मिलेगा.
मार्च में लिया गया था 6 विमानों की खरीद का निर्णय
गौरतलब है कि इससे पहले इसी साल 10 मार्च को भारतीय वायु सेना के लिए छह डोर्नियर-228 विमानों की खरीद का निर्णय भी लिया जा चुका है. भारतीय वायु सेना के लिए खरीदे जा रहे इन विमानों की लागत लगभग 667 करोड़ रुपए है. रक्षा मंत्रालय ने 10 मार्च को 667 करोड़ रुपये की लागत वाले इस रक्षा सौदे को लेकर एक महत्वपूर्ण समझौता किया था. रक्षा मंत्रालय के अनुसार डोर्नियर-228 विमानों की खरीद भी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से की जाएगी.
एयरफोर्स में किस रूप में काम आएंगे ये विमान?
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि वायु सेना के लिए खरीदे जा रहे विमानों का उपयोग भारतीय वायु सेना द्वारा रूट ट्रांसपोर्ट और संचार संबंधित सैन्य कार्य के लिए किया जाता रहा है. इसके साथ ही इन विमानों का उपयोग भारतीय वायुसेना के परिवहन पायलटों के प्रशिक्षण के लिए भी किया गया है. छह विमानों की वर्तमान खेप एक उन्नत ईंधन-कुशल इंजन के साथ पांच ब्लेड वाले समग्र प्रोपेलर के साथ खरीदी जाएगी.
यह विमान उत्तर पूर्व के अर्ध-तैयार, लघु रनवे और भारत की द्वीप श्रृंखलाओं से छोटी दूरी के संचालन के लिए आदर्श रूप से अनुकूल है. रक्षा मंत्रालय का कहना है कि इन छह विमानों के शामिल होने से दूर-दराज के इलाकों में भारतीय वायुसेना की परिचालन क्षमता में और इजाफा होगा.
(एजेंसियों से इनपुट्स के साथ.)
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