नई दिल्ली: कोविड-19 प्रबंधन को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखने वाले पूर्व प्रधानमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मनमोहन सिंह पर पलटवार किया है. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देश में कोविड-19 के कारण उत्पन्न हालात से निपटने के लिए रविवार को पांच उपाय सुझाते हुए प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी को पत्र लिखा था.


स्वास्थ्य मंत्री ने किया पलटवार


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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने सोमवार को आरोप लगाया कि वैश्विक महामारी की दूसरी लहर के लिए कांग्रेस शासित राज्य जिम्मेदार हैं जो लोगों के टीकाकरण के बजाए टीकों पर कथित संदेह जताने में व्यस्त थे.


मनमोहन ने इस बात पर जोर दिया था कि महामारी से मुकाबले के लिए टीकाकरण तथा दवाओं की आपूर्ति बढ़ाना महत्वपूर्ण होगा. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए हर्षवर्धन ने दावा किया कि मनमोहन सिंह के पत्र को तैयार करने वाले लोगों ने उनकी साख को नुकसान पहुंचाया है.



हर्षवर्धन ने मनमोहन सिंह के लिए ट्वीट किए एक पत्र में दावा किया, ‘डॉ. मनमोहन सिंह जी, अगर आपकी सकारात्मक सहयोग की पेशकश और मूल्यवान सलाह को ऐसे कठिन समय में आपके कांग्रेस के नेता ही मान लें, तो इतिहास आपका आभारी होगा.’


डा. हर्षवर्धन ने अपने पत्र में कहा कि कुछ कांग्रेस नेताओं के ‘गैर जिम्मेदाराना’ सार्वजनिक बयानों के कारण कांग्रेस शासित कुछ राज्यों में वरिष्ठ नागरिकों और यहां तक कि अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मियों में टीकाकरण का स्तर राष्ट्रीय टीकाकरण औसत से कम रहा है.


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा कि केवल कुल संख्या को नहीं देखना चाहिए बल्कि यह देखा जाना चाहिए कि कितने प्रतिशत आबादी को टीका लग चुका है.



टीका पर कसा तीखा तंज


हर्षवर्धन ने कहा, ‘आप यह मानते हैं कि टीका, कोरोना महामारी से लड़ाई में बहुत अहम है, लेकिन यह दुख की बात है कि आपकी पार्टी में जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग ही आपकी राय से सहमत नहीं दिखाई देते हैं.’


स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने इस बात पर खेद प्रकट किया कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने ऐसी कठिन परिस्थितियों में टीका बनाकर दुनिया को सशक्त बनाने वाले वैज्ञानिकों और विनिर्माताओं के सम्मान में एक भी शब्द नहीं कहा.


उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों का शुक्रिया अदा करने की बात तो छोड़ दें, कई कांग्रेस नेताओं और राज्य की कांग्रेस सरकारों ने वैक्सीन के प्रभाव को लेकर झूठी बातें फैलाने में बड़ी दिलचस्पी दिखाई. इस तरह से टीका को लेकर लोगों के मत में हिचक पैदा की गई और इससे लोगों की जिंदगियों के साथ खेला जा रहा है.


टीके के खिलाफ लोगों को भड़काया


डा. हर्षवर्धन ने मनमोहन सिंह को लिखे पत्र में कहा ‘आपके एक मौजूदा मुख्यमंत्री ने तो भ्रम फैलाने के मामले में एक तरह से वर्ल्ड रिकॉर्ड ही बना डाला है और वे किसी सरकार के अकेले ऐसे मुखिया हैं, जो सीधे तौर पर देश में बने टीके के खिलाफ लोगों को भड़का रहे हैं.’


उन्होंने कहा ‘कांग्रेस के कुछ नेताओं ने तो सार्वजनिक तौर पर टीके की निंदा की और अकेले में यही वैक्सीन ली. अगर उन्होंने (कांग्रेस के नेताओं) अकेले में भी ऐसा किया है तब भी आपकी ओर से सुझाव के शब्द बेहतर सहयोग सुनिश्चित कर सकते थे.’


स्वास्थ्य मंत्री ने कहा ‘सकारात्मक सहयोग को लेकर आपके झुकाव को देखते हुए मैं मान लेता हूं कि आपने उन्हें (कांग्रेस नेताओं को) सुझाव दिया होगा, फिर भी स्पष्ट है कि आपका सुझाव व्यर्थ गया है.’ उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री को केवल कुल संख्या को नहीं देखना चाहिए.


हर्षवर्धन ने कहा कि ‘आपकी पार्टी के कनिष्ठ सहयोगियों को भी आपके सुझाव का पालन करना चाहिए. पूरे सम्मान के साथ मैं कहना चाहता हूं कि आपकी पार्टी द्वारा फैलायी जा रही नकारात्मकता के बावजूद हम सुझाव पर पूरा ध्यान देते हैं और यह मानते हैं कि यह राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए दिया गया होगा.’


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उन्होंने कहा, ‘हालांकि जिन लोगों ने आपका पत्र तैयार किया या आपको सलाह दी, उन लोगों ने आपको गुमराह करके आपकी साख को नुकसान पहुंचाया है. आपने कोविड महामारी से लड़ाई में टीकाकरण अभियान पर जोर दिया, जिसे हम मानते हैं. इसीलिए हमने दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू किया.’


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