एयर इंडिया में आर्थिक संकट, नौकरी छोड़ रहे इंजीनियरों से मांग रहे ट्रेनिंग का खर्च
आर्थिक संकट के दौरान पायलट्स के साथ-साथ एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजिनियर (AME) स्टाफ भी एयरलाइंस को छोड़ रहा है. विमान को उड़ान में कोई परेशानी न हो, यह देखना इन्हीं का काम है. कुछ इंजिनियर ऐसे भी हैं जो ट्रेनिंग पूरी करते ही नौकरी बदल रहे हैं. ऐसे लोगों को रोकने के लिए अब एयर इंडिया ने नया नियम बनाया है. इसमें उनसे सैलरी तक वापस मांगी जा रही है.
नई दिल्लीः एयर इंडिया आर्थिक संकट के सबसे बुरे दौर में है और हालात यह हैं कि अब इंजिनियर्स भी नौकरी छोड़कर जा रहे हैं. उन्हें रोकने के लिए मैनेजमेंट ने उनपर दबाव बनाना शुरू कर दिया है. ट्रेनिंग के तुरंत बाद नौकरी छोड़नेवालों से ट्रेनिंग पर खर्च पैसे, दूसरे खर्च के साथ-साथ उस दौरान मिली सैलरी भी लौटाने को कहा गया है. इसके पहले पायलट भी नौकरी छोड़ने का ऐलान कर चुके हैं.
प्रसंता पॉल ने जारी किया ऑर्डर
आर्थिक संकट के दौरान पायलट्स के साथ-साथ एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजिनियर (AME) स्टाफ भी एयरलाइंस को छोड़ रहा है. विमान को उड़ान में कोई परेशानी न हो, यह देखना इन्हीं का काम है. कुछ इंजिनियर ऐसे भी हैं जो ट्रेनिंग पूरी करते ही नौकरी बदल रहे हैं. ऐसे लोगों को रोकने के लिए अब एयर इंडिया ने नया नियम बनाया है. इसमें उनसे सैलरी तक वापस मांगी जा रही है. इससे संबंधित ऑर्डर एक अधिकारी प्रसंता पॉल ने जारी किया है.
इसमें लिखा है, देखा गया है कि परमानेंट और वॉक इन इंटरव्यू से लिए गए इंजिनियर्स संस्थान छोड़कर जा रहे हैं. ये लोग ट्रेनिंग पूरी होने के बाद बॉन्ड पीरियड पूरा होने से पहले ही जा रहे हैं. अब अगर ऐसी स्थिति आई तो इन्हें ट्रेनिंग पर खर्च पैसा, हॉस्टल का खर्च, टीए/डीए और ट्रेनिंग पीरियड की सैलरी वापस देनी होगी. यह ऑर्डर 8 अगस्त, 2019 को जारी हुआ था.
पायलटों ने की नोटिस पीरियड खत्म करने की मांग
एयर इंडिया के अस्तित्व पर बड़े सवालिया निशान को देखते हुए एयरलाइन के पायलटों ने सरकार से नोटिस पीरियड खत्म करने की मांग की है. कर्मचारियों का कहना है कि जॉब छोड़ने के लिए उनके नोटिस पीरियड सर्व करने की जरूरत को खत्म किया जाए और उनका बकाया चुकाया जाए. कर्मचारियों ने एविएशन मंत्री हरदीप पुरी से कहा कि सैलरी के भुगतान में देरी की वजह से वे अपनी EMI नहीं चुका पा रहे हैं.
उनका कहना है कि खासतौर से फ्लाइंग अलाउंस मिलने में देरी से उनको काफी नुकसान हो रहा है क्योंकि यह सैलरी का 70 फीसदी हिस्सा होता है.
निजीकरण को लेकर जताई थी चिंता
भारतीय एयरलाइन्स की यूनियन इंडियन कमर्शल पायलट्स असोसिएशन (ICPA) ने पुरी को लेटर लिखा है. इस लेटर में लिखा है, सर, आपका यह कहना कि अगर 31 मार्च 2020 तक एयर इंडिया का निजीकरण नहीं किया गया तो इसे बंद करना पड़ेगा, चिंता की बात है. एयर इंडिया जैसे नैशनल करियर को लेकर अनिश्चिचतता और प्लान बी नहीं है. हमारी गुजारिश है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि हम बंधुआ मजदूर नहीं हैं. हमें बंधुआ न समझते हुए हमें बगैर नोटिस पीरियड सर्व किए बकाये का भुगतान किया जाए. हम एयर इंडिया को लेकर बनी अनिश्चिचतता के बीच काम करना जारी रखने की स्थिति में नहीं हैं.
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6 महीने के नोटिस पीरियड पर हैं 65 कर्मचारी
लेटर में यह भी लिखा गया है, 'हम नहीं चाहते कि एयर इंडिया के एम्प्लॉयीज के साथ भी वैसा ही हो जैसे देश की 21 और एयरलाइन्स के कर्मचारियों के साथ सेवाएं बंद होने के बाद हुआ. इतने सारे कर्म चारी बेरोज़गार हो गए. लेटर में आगे लिखा गया है कि पिछले 2-3 सालों से एयर इंडिया के कर्मचारी अनिश्चिचतता के बीच काम कर रहे हैं और कई कर्मी अपना लोन बकाया अदा नहीं कर पा रहे हैं.
एयर इंडिया के करीब 65 कर्मचारी इस्ताफा दे चुके हैं और 6 महीने का नोटिस पीरियड सर्व कर रहे हैं, जो जल्द पूरा हो जाएगा.
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