आर्थिक सर्वे में सरकार ने जताई इस बात की आशंका, जानें क्या है अर्थव्यवस्था का पूर्वानुमान
Economic Survey 2024: संसद में सोमवार को आर्थिक सर्वे 2023-24 पेश किया गया. वैश्विक चुनौतियों के बीच भारत की जीडीपी वृद्धि दर 2024-25 में 6.5 से 7% के बीच रहने की उम्मीद है. वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अनुमानित वृद्धि दर पिछले वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अनुमानित 8.2 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर से कम है.
नई दिल्लीः Economic Survey 2024: वैश्विक चुनौतियों के बीच भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष 2024-25 में 6.5 से 7 प्रतिशत के बीच रहने की उम्मीद है. संसद में सोमवार को पेश आर्थिक समीक्षा 2023-24 में यह अनुमान लगाया गया है. वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अनुमानित वृद्धि दर पिछले वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अनुमानित 8.2 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर से कम है.
जीडीपी वृद्धि दर 7.2% रहने का अनुमान
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 31 मार्च 2025 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है. अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) और एशियाई विकास बैंक (ADB) जैसी वैश्विक एजेंसियों का मानना है कि चालू वित्त वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था 7 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी.
'बाजार की अपेक्षाएं उच्च स्तर पर हैं'
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से संसद में पेश किए गए दस्तावेज में कहा गया, '.... समीक्षा में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 6.5 से सात प्रतिशत (दोनों तरह घट-बढ़ के साथ) रहने का अनुमान लगाया गया है. इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि बाजार की अपेक्षाएं उच्च स्तर पर हैं.'
घरेलू मांग ने आर्थिक वृद्धि का किया समर्थन
इसमें कहा गया कि अनिश्चित वैश्विक आर्थिक प्रदर्शन के बावजूद घरेलू मोर्चे पर वृद्धि को बढ़ावा देने वाले प्रमुख तत्वों ने 2023-24 में आर्थिक वृद्धि का समर्थन किया है. बेहतर बही-खाते से निजी क्षेत्र को मजबूत निवेश मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी.
अतिरिक्त क्षमता वाले देशों से सस्ते आयात की आशंका
समीक्षा में कहा गया, 'पिछले तीन साल में अच्छी वृद्धि के बाद निजी पूंजी सृजन थोड़ा अधिक सतर्क हो सकता है, क्योंकि अतिरिक्त क्षमता वाले देशों से सस्ते आयात की आशंका है.' आधुनिक अर्थव्यवस्थाओं में वृद्धि की संभावनाओं में सुधार के साथ माल तथा सेवा निर्यात में भी आगे वृद्धि होने की संभावना है. समीक्षा में कहा गया, भारत मौसम विभाग की ओर से सामान्य वर्षा का पूर्वानुमान तथा दक्षिण-पश्चिम मानसून का अब तक संतोषजनक प्रसार कृषि क्षेत्र के प्रदर्शन में सुधार लाएगा तथा ग्रामीण मांग में सुधार को समर्थन देगा.
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