Farmer Further Plan for Delhi Chalo Movement: पांच साल के लिए सरकारी एजेंसियों द्वारा MSP पर दलहन, मक्का और कपास की खरीद के सरकार के प्रस्ताव को खारिज करने के बाद किसान नेताओं ने सोमवार को सरकार से कहा कि वे बुधवार (21 फरवरी) को दिल्ली के लिए अपना मार्च शुरू करेंगे. विभिन्न मांगों के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए किसान हरियाणा के साथ पंजाब की सीमा पर शंभू और खनौरी बिंदुओं पर रुके हुए हैं.


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MSP पर कानूनी गारंटी के अलावा, किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि ऋण माफी, बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं, पुलिस मामलों को वापस लेने और 2021 की लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय, भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 की बहाली, और 2020-21 में पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा की मांग कर रहे हैं.


मजबूरी में बढ़ेंगे आगे, भारत सरकार जिम्मेदार
21 फरवरी को होने वाले 'दिल्ली चलो' मार्च पर किसान नेता सरवन सिंह पंढेर कहते हैं, 'सरकार की मंशा बिल्कुल साफ थी कि वो हमें किसी भी कीमत पर दिल्ली में घुसने नहीं देंगे...अगर आप किसानों से बातचीत से समाधान नहीं निकालना चाहते तो हमें दिल्ली की ओर मार्च करने की इजाजत दी जाए.'


उन्होंने कहा, 'जब हम दिल्ली की ओर बढ़े तो गोलाबारी हुई...ट्रैक्टरों के टायरों पर गोलियां भी चलाई गईं. DGP हरियाणा ने कहा है कि हम किसानों पर आंसू गैस का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं. हम इसका इस्तेमाल करने वालों के लिए सजा की मांग करते हैं. गलत बयान भी दिए जा रहे हैं.'


 



कश्मीर जैसे हालात
किसान नेता ने कहा, 'हरियाणा में हालात कश्मीर जैसे हैं. हम 21 फरवरी को दिल्ली की ओर मार्च करेंगे...सरकार ने हमें एक प्रस्ताव दिया है ताकि हम अपनी मूल मांगों से पीछे हट जाएं...अब जो भी होगा उसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी.'


किसानों का विरोध
'दिल्ली चलो' आंदोलन में हिस्सा ले रहे किसान नेताओं ने सोमवार को पांच साल के लिए सरकारी एजेंसियों द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर दाल, मक्का और कपास की खरीद के सरकार के प्रस्ताव को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह किसानों के हित में नहीं है.


किसान नेताओं के साथ चौथे दौर की बातचीत में तीन केंद्रीय मंत्रियों के एक पैनल ने रविवार को किसानों के साथ समझौता कर पांच साल तक दाल, मक्का और कपास की फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकारी एजेंसियों द्वारा खरीदने का प्रस्ताव रखा था.



किसानों ने सरकार के प्रस्ताव को खारिज करते हुए बुधवार को दिल्ली की ओर मार्च करने का ऐलान किया है. किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंधेर ने हरियाणा के साथ पंजाब की सीमा के शंभू बिंदु पर संवाददाताओं से कहा, 'हम सरकार से अपील करते हैं कि या तो हमारे मुद्दों को हल करें या बैरिकेड हटा दें और हमें शांतिपूर्वक विरोध करने के लिए दिल्ली जाने की अनुमति दें.'


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