नई दिल्ली: किसान आंदोलन पर 8 दौर के संवाद के बाद भी समाधान नहीं निकल पाया है. सरकार और किसानों के बीच 8वें दौर की वार्ता बेनतीजा रही. अब 8 जनवरी को अगली बैठक होगी. किसानों को सरकार MSP पर लिखित  गारंटी देने को तैयार है, लेकिन किसान नेताओं ने इसपर कोई जवाब नहीं दिया. हालांकि बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बड़ा दावा किया है.


8वें दौर की बातचीत में नहीं निकला रास्ता


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कृषि मंत्री तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा कि किसान संगठनों की तरफ से कृषि कानून रद्द करने पर अड़े रहने के कारण 8वें दौर की बातचीत में कोई रास्ता नहीं निकला. केंद्रीय मंत्री तोमर ने 8 जनवरी को किसानों के साथ सहमति बनने पर भरोसा जाताया और कहा कि सरकार ने किसानों को ध्यान में रखकर ही कानून बनाया है.


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कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि आज चर्चा हुई, यूनियन क्लॉज़ वाइज चर्चा की गई. एमएसपी (MSP) पर भी बात हुई, लेकिन निर्णय नहीं हुआ. 8 तारीख को चर्चा करेंगे. सरकार और यूनियन दोनों की रजामंदी के बाद ही 8 तारीख की चर्चा की डेट तय हुई है. किसानों का सरकार पर विश्वास है. किसान की मान्यता है कि सरकार इसका रास्ता ढूंढे.


उन्होंने कहा कि 'जब इस प्रकार को निर्णय होते है तो कई दौर की चर्चा होती है, सरकार देशभर के किसानों के प्रति प्रतिबंधित है. दो ही विषय है एमएसपी और कानून पर चर्चा काफी अच्छे वारावरण मे हुई है. सरकार ने कानून बनाया है तो किसानों के हित का ही कानून बनाया है. 8 तारीख को 2 बजे बैठक होगी, उसमें चर्चा आगे बढ़ेगी. न्यायालय के विषय में कोई टिप्पणी करना उचित नहीं है. किसान यूनियन की रजांमदी से ही तारीख तय होती है. इस समस्या का जल्द समाधान होगा. अगली बैठक में चर्चा से समाधान की ओर बढ़ेंगे, ताली दोनो हाथ से बजती है.'


कानून रद्द करने की मांग पर अड़े किसान


वहीं किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा कि सरकार को बात समझ आ गई कि किसान कानून खत्म करवाने से कम पर नहीं मानेंगे. इसके अलावा किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि जब तक कृषि कानून की वापसी नहीं तब तक हमारी घर वापसी नहीं..



किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि '8 तारीख को फिर बातचीत होगी, 3 चीजों पर बात होगी. कानून को वापसी लेने तक किस घर नहीं जाएंगे. कानून वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं. हमने साफ कह दिया है कि कानून वापसी के बिना कोई विकल्प नहीं है. सरकार जितना जल्दी करेगी उतना आराम मिलेगा.'


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आपको बता दें कि MSP पर सरकार के प्रस्ताव पर भी बात नहीं बनी. राकेश टिकैत ने कहा कि 8 जनवरी को MSP पर भी बात होगी. बैठक में मंत्रियों और किसानों ने 2 मिनट का मौन रखा. आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों को मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई. सरकार ने किसानों की मौत पर दुख जताया है.


ममता दीदी की किसान पॉलिटिक्स


पश्चिम बंगाल में चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, ममता दीदी के तेवर बदलते दिख रहे हैं. पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में पीएम किसान सम्मान निधि योजना लागू करने की अनुमति दी. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को किसानों के खाते में सीधे पैसा भेज जाने पर आपत्ति नहीं.


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