नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 35वां दिन हैं. सरकार और किसान संगठनों के बीच आज की बातचीत खत्म हो गई है. इस बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्यमंत्री मौजूद रहे. अगली बैठक 4 जनवरी को होगी.


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जानकारी के मुताबिक इस विवाद का समाधान निकलने तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा, ज़ी हिन्दुस्तान को मिली EXCLUSIVE जानकारी के मुताबिक, सूत्रों का ये कहना है कि ज़्यादातर किसान नेता तत्काल हल चाहते हैं. आंदोलन को ख़त्म करने के लिए हल चाहते हैं, नए साल से पहले कुछ किसान समाधान चाहते हैं. जानकारी के मुताबिक सरकार ने किसानों के बिजली बिल को माफ करने पर सहमति जता दी है.


कृषि कानूनों को वापस लेने का इरादा नहीं


आज की बैठक में सरकार के मंत्रियों के तरफ से किसान नेताओं को साफ कहा गया है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का कोई इरादा नहीं है. सरकार ने ये भी साफ किया है कि जबतक आप लोग आंदोलन वापस करने का फैसला नहीं करते, तब तक सरकार किसी भी सुधार को लेकर आश्वासन नहीं दे सकती.



सरकार ने ये भी साफ किया है कि एमएसपी को लेकर किसानों की मांग पर विचार तभी सम्भव है जब आंदोलन खत्म करने पर किसान फैसला लें.


लंच के पहले बैठक का ब्यौरा


आज की बैठक में किसान नेताओं ने कहा कि जो हमने आपके समक्ष बिंदु रखे थे, उस पर एक एक करके हम सरकार का रुख जानना चाहते हैं. पहले दो मुद्दे उठाए, उसमें सबसे पहला मुद्दा था तीनों कानूनों को रद्द करने का.. जैसे ही किसान नेता ने पहले बिंदु को रखा बीच में कृषि मंत्री ने कहा कि सुधार की बात कीजिए जब हम सुधार करने के लिए तैयार हैं तो फिर रद्द करने की बात क्यों?


इस पर सरकार की तरफ से जवाब मिलने के बाद फिर बात एमएसपी पर हुई. इस पर भी कृषि मंत्री ने ही जवाब दिया. पहले दोनों ही मुद्दों पर सरकार ने अपना रूख किसानों को बता दिया है.


'अपने वचन से नहीं पलटेगी सरकार'


किसानों से हुई वार्ता से पहले मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के घर मंत्रियों की बैठक हुई. इस बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar), रेल मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) शामिल हुए. सरकार ने समाधान के लिए फाइनल फॉर्मूला तैयार किया.


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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने भी बड़ा बयान देते हुए ये कहा है कि किसानों को नुकसान हो ऐसा कोई काम नहीं करेंगे. उन्होंने ये भी साफ किया कि MSP पर सरकार अपने वचन से नहीं पलटेगी. कृषि कानूनों पर किसानों को गलतफहमी हो गई है.


सरकार ने तैयार किया फॉर्मूला


बैठक से पहले केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्यमंत्री सोम प्रकाश (Som Prakash) ने कहा कि 'हम खुले मन से बात करने को तैयार हैं. किसान खुशी मन से घर जाएं यही कोशिश की जाएगी. किसानों के साथ हर मुद्दे पर चर्चा करेंगे.' लेकिन देखना होगा कि सरकार का ये फॉर्मूला कारगर साबित होता है या नहीं.


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ग्रुप ऑफ मिनिस्टर की बैठक


29 दिसंबर को शाम 7 बजे गृह मंत्री अमित शाह के अध्यक्षता में बैठक हुई. इसमें कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और रेल मंत्री पीयूष गोयल शामिल हुए. इस बैठक में कैबिनेट सेक्रेटरी, गृह मंत्रालय और कृषि मंत्रालय के अधिकारी मौजूद रहे.



किसानों और सरकार के बीच आज की बैठक खत्म हो गई है. इसमें सरकार की तरफ से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, वाणिज्य राज्यमंत्री सोम प्रकाश और अन्य अधिकारी मौजूद थे. जबकि 40 किसान संगठन के नेता शामिल हुए. अब 4 जनवरी को संवाद होगा, ऐसे में सवाल यही है कि क्या फाइनल संवाद से 4 जनवरी को बात बन जाएगी? क्या सुलह का फॉर्मूला तैयार हो गया? क्या 35 दिन का डेडलॉक अब 4 जनवरी को टूटेगा? क्या किसानों के घमासान पर 4 जनवरी को संपूर्ण समाधान होगा?


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