Farmer Protest: नकाबपोश ने किया नकली किसानों को बेनकाब, सच आया सामने
किसान आंदोलन में छिपे नकली किसानों को एक नकाबपोश ने बेनकाब कर दिया है. पुलिस को बदनाम करने के लिए किसान नेताओं ने साजिश रची. अब एक-एक करके सच सामने आने लगा है.
नई दिल्ली: ज़ी हिन्दुस्तान पर आंदोलन के नाम पर साजिश रचने वाले बेनकाब हो गए हैं. नकाबपोश ने किसानों के चेहरे से साजिश का पर्दा उतार दिया है. नकाबपोश ने खुलासा किया है कि किसान नेताओं को उसे झूठ बोलने के लिए दबाव बनाया था. उसके साथ मारपीट की, उसको धमकी दी.
ज़ी हिंदुस्तान पर EXCLUSIVE खुलासा
नकाबपोश पर ज़ी हिंदुस्तान पर EXCLUSIVE खुलासा हो चुका है. नकाबपोश ने पुलिस (Police) के सामने किसान नेताओं के राज खोल दिए हैं. नकाबपोश का कहना है कि 'किसान नेताओं ने पुलिस को बदनाम करने के लिए दबाव बनाया था. हमें धमकियां दी गई, हमारे साथ मारपीट की गई.'
नीचे दिये वीडियो में नकाबपोश के हर उस खुलासे को आप खुद सुन सकते हैं, जिससे पता चलेगा कि कैसे दिल्ली (Delhi) में आंदोलन के नाम पर साजिश पर साजिश रची जा रही है?
नकाबपोश ने पुलिस के सामने खोले किसान नेताओं के राज
किसान नेताओं ने मारपीट की- नकाबपोश
'लड़की छेड़ने का आरोप लगाकर मुझे डराया'
'किसानों ने कहा- जैसे कहेंगे, वैसा करना'
किसान नेताओं ने मुझे शराब पिलाई- नकाबपोश
सोनीपत का रहने वाला है नकाबपोश
'किसान नेताओं ने मुझे शराब पीकर मारा'
कपड़े उतारकर मुझे मारा गया- नकाबपोश
'किसान नेताओं ने जान से मारने की धमकी दी'
'मैं सच बोल रहा हूं, मुझ पर कोई दबाव नहीं'
'पुलिस ने मेरे साथ कुछ भी गलत नहीं किया'
किसान नेताओं को मारने की साजिश के आरोप में योगेश सिंह (Yogesh Singh) नामक आरोपी को हिरासत में लेकर पुलिस ने पूछताछ की. थोड़ी देर में सोनीपत के एसपी प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. गिरफ्तार आरोपी सोनीपत के न्यू जीवन नगर का रहने वाला बताया गया है. योगेश 9वीं क्लास फेल है और इनके परिजन उत्तरांचल से 35 वर्ष पहले सोनीपत (Sonipat) आकर बसे थे. रात को आरोपी को पहले सोनीपत लाया गया कुंडली थाना पुलिस और सीआईए पुलिस मामले की जांच कर रही है.
सोनीपत पुलिस करेगी बड़ा खुलासा
जिद पर अड़े हैं किसान, अब सरकार सख्त
किसानों को सरकार ने आखिरी चेतावनी दे दी है. सरकार अब और नहीं झुकेगी. संयुक्त किसान मोर्चा की आज की बैठक में अब किसानों को आर या पार का फैसला करना है. कृषि कानूनों को लेकर किसान संगठनों और सरकार के बीच बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला. इस बार सरकार ने किसानों के अड़ियल रवैये पर सख्त रूख अपनाया है. शुक्रवार को हुई बैठक में कृषि मंत्री Narendra Singh Tomar ने साफ कहा कि वो कानून को ज्यादा दिन तक रोक नहीं सकते और उनका दिया प्रस्ताव आखिरी है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने विपक्ष पर करारा वार किया और कहा कि किसानों के कंधे का इस्तेमाल राजनीतिक फायदे के लिए किया गया.
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बैठक के बाद विज्ञान भवन से बाहर आए किसान नाराज दिखे और उन्होंने कहा की वो अपनी बात पर टिके हैं कि कानून वापस होना चाहिए. 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली होकर रहेगी. केंद्र सरकार का कहना है कि उन्होंने किसानों को सभी प्रस्ताव दे दिए हैं, लेकिन अगर किसानों के पास कुछ बेहतर विकल्प है तो वे सरकार के पास इसे लेकर आ सकते हैं.
ट्रैक्टर से दिल्ली कूच कर रहे हैं किसान
दिल्ली पुलिस के लिए सबसे मुश्किल है किसान आंदोलन के प्रस्तावित ट्रैक्टर मार्च को टालना, जिसके लिए कई दौर की असफल वार्ता के बाद शुक्रवार को फिर बाराखंबा में पुलिस और किसान नेताओं की बैठक हुई. जिसमें दिल्ली पुलिस कमिश्नर एस एन श्रीवास्तव भी मौजूद रहे.
दिल्ली पुलिस ने किसान नेताओं को एनसीआर में दिल्ली के अलावा 3 वैकल्पिक रूट सुझाए हैं. फिलहाल किसान नेताओं ने सहमति नहीं दी है, लेकिन अब फैसला उन्हें ही करना है, क्योंकि सूत्रो के हवाले से खबर है कि दिल्ली पुलिस ने ट्रैक्टर मार्च को दिल्ली में एंट्री नहीं देने का फैसला कर लिया है. जबकि पंजाब और हरियाणा समेत अन्य जगहों के किसान सैकड़ों हजारों ट्रैक्टर के साथ दिल्ली कूच कर रहे हैं.
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