नई दिल्लीः  किसान आंदोलन के बीच गुरुवार रात को किसान नेता राकेश टिकैत का रोना लोगों को हैरान कर दिया. सवाल है, आखिर किसान नेता राकेश टिकैत क्यों रोए? क्या टिकैत किसी ज्यादती के शिकार होकर डर गए? आंदोलन में साथी नेताओं के किनारा करने से घबरा गए? या टिकैत की ये इमोशनल ब्लैकमेलिंग है?


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


ऐसे कई सवाल किसी के जेहन में कौंध सकते हैं. क्या अब टिकैत आंसू बहा कर ड्रामेबाज़ी कर रहे हैं? ये सवाल इसलिए क्योंकि जब लालकिले पर तिरंगे का अपमान हो रहा था तब टिकैत के आंसू नहीं छलके, जब दिल्ली में जवानों को पीटा जा रहा था, तब टिकैत को ना अपराधबोध था ना कोई आत्मग्लानि थी, लेकिन अब वो सुसाइड की धमकी दे रहे हैं? इतना ही नहीं अब टिकैत गोलियों की भाषा बोल रहे हैं, मरने मारने की बात कर रहे हैं और पास मौजूद शख्स को थप्पड़ मार कर आपा भी खो रहे हैं ऐसा क्यों?


देश विरोधी एजेंडे की झलकियों को बड़े किसान नेता नकारते रहे
दरअसल, 2 महीने से ज्यादा हो गए किसान आंदोलन को, शांतिपूर्ण चल रहे आंदोलन से भी बीच-बीच में कई आपत्तिजनक तस्वीरें आती रहीं. ऐसे देश विरोधी एजेंडे की झलकियों को बड़े किसान नेता नकारते रहे. लेकिन 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड ने देश की राजधानी दिल्ली में जो कोहराम मचाया, उसने किसान आंदोलन और उसके नेताओं की सारी कलई खोल दी.



लोकतंत्र के प्रतीक लालकिले में की गई हिंसा, तोड़फोड़ और झंडे फहराना, सिस्टम ही नहीं पूरे देश के दिल को छलनी कर गया. अपराधबोध, आत्मग्लानी, और प्रायश्चित के विचारों से प्रेरित कुछ किसान नेताओं ने अब आगे इस किसान आंदोलन से किनारा कर लिया है. तो कुछ पुलिसिया कार्रवाई से ठंडे पड़ चुके हैं. कुछ ने तो दिल्ली में हुई हिंसा के लिए राकेश टिकैत को ही जिम्मेदार ठहराया.


तब क्यों नहीं निकले टिकैत के आंसू
फिलहाल टिकरी, सिंघु बॉर्डर पर कुछ प्रदर्शनकारी मौजूद हैं, तो वहीं गाजीपुर बॉर्डर पर टिकैत कुछ बचे-खुचे प्रदर्शनकारियों के बीच रोने के साथ ही सरकार और सिस्टम को रह-रह कर ललकार भी रहे हैं.हताशा में फांसी लगा लेने और मर जाने की धमकी दे रहे हैं.



सवाल है जब लालकिले को तहसनहस कर देश की इज्जत से खिलवाड़ किया जा रहा था, तब टिकैत के आंसू नहीं निकले, लेकिन अब जब उनके सारे संगी साथी किसान नेताओं ने टिकैत पर तोहमत लगाकर आंदोलन से किनारा कर लिया तो टिकैत रोने लगे. क्या अकेले पड़ गए टिकैत इमोशनल कार्ड खेल रहे हैं? क्या ये बचे-खुचे समर्थकों को एकजुट करने के साथ ही और समर्थकों को जुटाने की ड्रामेबाज़ी है?


यह भी पढ़िएः  Farmers Protest: मुजफ्फरनगर के GIC मैदान में BKU ने बुलाई महापंचायत


Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.