श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद हिरासत में लिए गए पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला को रिहा किया जा रहा है. उन पर लगाया गया पब्लिक सेफ्टी एक्ट भी हटा दिया गया है. वह करीब छह महीने से हिरासत में थे. फारुक अब्दुल्ला को उनके बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और अन्य नेताओं के साथ 5 अगस्त को हिरासत में ले लिया गया था. हालांकि उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को अभी रिहा नहीं किया गया है. 


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फारुख के समर्थक कर रहे थे रिहा करना की मांग



 


उल्लेखनीय है कि लंबे समय से जम्मू-कश्मीर के तीनों पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती समेत सभी राजनीतिक बंदियों की तत्काल रिहाई की मांग उठाई जा रही थी. फारुख अब्दुल्ला के साथ सरकार ने महबूब मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला को भी नजरबंद किया था. फिलहाल इन दो नेताओं की रिहाई को लेकर कोई जानकारी नहीं मिल पाई है.


जन सुरक्षा कानून के तहत थे नजरबंद


गौरतलब है कि 5 अगस्‍त, 2019 को जम्‍मू-कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 हटाए जाने और जम्‍मू-कश्‍मीर को दो केंद्र शासित राज्‍यों में बांटने से पहले 4 अगस्‍त की रात को जम्मू-कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को हिरासत में लिया गया था. बाद में उनके खिलाफ जन सुरक्षा कानून (PSA) लगा दिया गया था. तब से ही यह तीनों नजरबंद थे.


जम्मू कश्मीर से हट चुकी है 370


आपको बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने गृहमंत्री अमित शाह के कुशल संचालन में जम्मू कश्मीर को 370 की बेड़ियों से आजाद कर दिया है. जम्मू कश्मीर अब अखंड भारत का अखंड हिस्सा है. जम्मू कश्मीर और लद्दाख दो अलग केंद्रशासित प्रदेश हैं जिनमें से जम्मू कश्मीर में विधानसभा भी होगी और लद्दाख में विधानसभा नहीं होगी.  



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