नई दिल्लीः दीपावली से पहले केंद्र सरकार ने एक और राहत पैकेज का ऐलान किया है. इसे इक़ॉनमी को मिलने वाले बड़े बूस्टर के तौर पर देखा जा रहा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार दोपहर प्रेस वार्ता करते हुए राहत पैकेज की घोषणा की. उन्होंने किसानों, उद्योगों और व्यापारियों बैंकिंग सेक्टर में हुए हुए आर्थिक सुधारों के बारे में भी बात की. 


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प्रेस वार्ता के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बैंकों ने 157.44 लाख किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए हैं. उन्हें दो चरणों में 143262 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा के तहत 1681 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. नाबार्ड के माध्यम से 25 हजार करोड़ रुपये की कार्यशील पूंजी आवंटित की गई है. 


आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना का किया ऐलान
इस दौरान वित्त मंत्री ने, प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना 31 मार्च 2019 तक लागू की गई थी इसमें कुल मिलाकर 8300 करोड़ रुपये के फायदे दिए 1 लाख 52 हजार संस्थाओं को मिले. अब सरकार नई योजना लागू कर रही है, जिसका नाम आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना को लागू किया जा रहा है.



स्कीम के तहत लोगों को EPFO से जोड़ा जाएगा. जो पहले EPFO में रजिस्टर्ड नहीं थे, अगर वो जुड़ते हैं तो उनको फायदा होगा. 1 मार्च 2020-31 सितंबर 2020 के दौरान जिनकी नौकरी चल गई और 1 अक्टूबर के बाद उन्हें नौकरी मिली, वो इस स्कीम में शामिल होंगे. 1 अक्टूबर से ये योजना लागू होगी, 2 साल के लिए ये योजना होगी. 


आत्मनिर्भर भारत का अच्छा रहा है प्रदर्शन
आत्मनिर्भर भारत अभियान के पहले चरण का अच्छा प्रदर्शन रहा है. 28 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश राशन कार्ड नैशनल पोर्टेबिलिटी के अधीन हैं. इससे 68.6 करोड़ लोगों को फायदा हुआ है. पीएम स्वनिधि योजना के तहत 1373.33 करोड़ रुपये के 13.78 लोन आवंटित किए गए हैं. 



वित्त मंत्री ने कहा कि मूडीज ने पहले इस वित्त वर्ष में भारतीय इकॉनमी में 9.6 फीसदी की गिरावट का अनुमान जताया था जिसे उसने घटाकर अब 8.9 फीसदी कर दिया है. इसी तरह 2022 के अनुमान को 8.1 फीसदी से बढ़ाकर 8.6 फीसदी कर दिया है. यह संकेत है कि भारतीय इकॉनमी पटरी पर लौट रही है. 


इकॉनमी की पॉजिटिव ग्रोथ
आरबीआई ने तीसरी तिमाही में इकॉनमी के पॉजिटिव ग्रोथ का अनुमान जताया है, आरबीआई के अनुसंधानकर्ता पंकज कुमार द्वारा तैयार की गयी अध्ययन रपट में कहा गया है कि 'भारत तकनीकी रूप से 2020-21 की पहली छमाही में अपने इतिहास में पहली बार आर्थिक मंदी में चला गया है. ‘इकोनॉमिक एक्टिविटी इंडेक्स' यानी आर्थिक कामकाज का सूचकांक शीर्षक से लिखे गए लेख में कहा गया है कि लगातार दूसरी तिमाही में आर्थिक संकुचन होने का अनुमान है. हालांकि इसमें यह भी कहा गया है कि गतिविधियां धीरे-धीरे सामान्य होने के साथ संकुचन की दर कम हो रही है और स्थिति बेहतर होने की उम्मीद है.


 


निर्माण के मद में दिए फंड
मैन्यूफैक्चरिंग को सपोर्ट देने के लिए 1.46 लाख करोड़ के इनसेंटिव दिए जाएंगे. पहले 3 सेक्टर में लागू किया था. भारत में ही मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग हो इसके लिए 40,995 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया. दवा बनाने के लिए कच्चा माल भी भारत में बने इसके लिए 6940 करोड़ रुपये की योजना लेकर आए हैं. मेडिकल डिवाइस के लिए 3420 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इससे हमारी इकोनॉमी को ताकत मिलेगी और रोजगार के मौके भी बनेंगे. 



पीएम आवास योजना - शहरी 
प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के लिए 18000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, ये पहले के 8 हजार करोड़ रुपये के अतिरिक्त होगा. स्कीम के तहत 12 लाख घरों को स्थापित किया जाएगा, 18 लाख घरों को पूरा किया जाएगा. इससे 78 लाख से ज्यादा रोजगार के मौके पैदा होंगे. 25 लाख मीट्रिक टन स्टील और 131 लाख मीट्रिक टन सीमेंट का इस्तेमाल होगा, जिससे बाजार में डिमांड पैदा होगी. 


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