नई दिल्ली: पिछले दो दिनों से लगाता रही लगातार बारिश की वजह से ब्रह्मपुत्र नदी भी खतरे के निशान पर ऊपर बह रही है. असम के 33 में 28 जिलों बाढ़ तबाही मचा रही है और इंसान बेबस नजर आ रहा है. 


असम में 'आसमानी आफत' का अंत कब?


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असम के 28 जिलों में बाढ़ बारिश से हालात खराब हैं. असम में 27 लाख 64 हजार से ज़्यादा लोग बाढ़ प्रभावित हैं. डिब्रूगढ़, धुबरी, जोरहाट लखीमपुर बरपेटा समेत कई इलाक़ों में ब्रह्मपुत्र नदी ख़तरे के निशान से ऊपर बह रही है. बाढ़ से अब तक 107 लोगों की जान जा चुकी है. प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री सोनोवाल से बाढ़ के हालात पर जानकारी ली.


पानी में भगवान, बेबस इंसान, बेजुबानों भी परेशान


काजीरंगा पार्क में पानी घुस जाने की वजह से अब 108 से ज्यादा जानवरों की मौत हो गई है. बाकी बचे जानवरों को अपनी जान बचाने किसी की चुनौती से कम नहीं है. बचे हुए जानवरों खुद को बचाए रखने के लिए इधर-उधर भाग रहे है. पार्क का 90 फीसदी से ज्यादा हिस्सा बाढ़ में समा चुका है. जानवरों को बचाने के लिए स्थानीय प्रशासन के कर्मचारी दिन-रात जुटे हुए है.


हजारों लोग बेघर, लाखों लोग प्रभावित


पिछले दो दिनों से लगातार हो रही बारिश की वजह से राज्य में बाढ़ के हालात बिगड़ते जा रहे है. ज्यादा इलाके भारी बारिश और  बाढ़ की चपेट में है. असम में आए बाढ़ से 28 जिलों के करीब 44 लाख लोग प्रभावित हुए है. 44 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर  ले जाया गया है. 1.27 लाख हेक्टेयर फसल का हिस्सा पानी में डूब चुका है.


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लगातार हो रही बारिश की वजह हालात बिगड़ते जा रहे है. ब्रह्मपुत्र खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. असम में बाढ़ से हालात ऐसे बिगड़ते रहे है तो आने वाले दिनों में बड़ी मुसीबत खड़ी हो सकती है.


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